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जहर से मर रहा था और शाहिद अफरीदी ने 40-50 लाख देकर बचाई जान, पाकिस्तानी क्रिकेटर का खुलासा

नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व ओपनर इमरान नजीर ने खुलासा किया है कि उन्हें अपने करियर के चरम पर जहर दिया गया था। वह शाहिद अफरीदी थे, जो उनके पीछे चट्टान की तरह खड़ा थे। जब उनके पास बैंक में कुछ नहीं बचा था, तो उसके इलाज के लिए पैसे देकर उसकी मदद की और जान बचाई थी। उन्होंने बताया कि किसी ने उन्हें मर्करी पारा खिलाया था, जिसके बाद उनका करियर ही तबाह हो गया। मौत के करीब था और सबकुछ लुटा चुका था।

इमरान नजीर को मर्करी पारा जहर दिया गया था

उन्होंने कहा- जब मैंने में एमआरआई और सभी सहित इलाज किया तो पता चला कि मुझे जहर मर्करी पारा दिया गया था। यह एक धीमा जहर है। यह आपके शरीर में जाइंट्स को बेकार कर देता है। 8-10 साल तक मेरे सभी जोड़ों का इलाज किया गया। मेरे सारे जोड़ खराब हो गए थे और इस वजह से लगभग 6-7 साल तक दर्द सहा। लेकिन फिर भी, मैंने यही प्रार्थना की कि कृपया मुझे बिस्तर पर मत लाइए। शुक्र है कि ऐसा कभी नहीं हुआ।

    उन्होंने अपनी दर्दनाक दास्तां बताते हुए कहा- मैं चलता-फिरता था और लोग पूछते थे ‘तुम तो ठीक दिख रहे हो’। मुझे बहुत से लोगों पर शक था, लेकिन मैंने कब और क्या खाया, पता नहीं चल रहा था, क्योंकि यह जहर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं करता। यह आपको सालों तक मारता है। जिसने भी ऐसा किया उसके लिए मैंने अब भी कभी बुरा नहीं चाहा। जो मारना चाहता है उससे बेहतर है बचाने वाला।

    करोड़ों डूब चुके थे, फिर शाहिद अफरीद ने की मदद

    नजीर को इलाज की लंबी और कठिन प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। इलाज पर करीब 12-15 करोड़ रुपये खर्च हुआ। नजीर की सारी बचत समाप्त हो चुकी थी और जब अंतिम उपचार का समय आया, तो उनके पास कुछ भी नहीं बचा था। तभी अफरीदी मदद लेकर पहुंचे। उन्होंने इस बारे में बताया- उन्होंने जरूरत के समय में मेरी मदद की। जब मैं शाहिद भाई से मिला तो मेरे पास कुछ नहीं बचा था। एक दिन के भीतर मेरे डॉक्टर के खाते में पैसा आ गया। उन्होंने कहा था कि कितना भी पैसा लगे लगा दो, मेरा भाई ठीक हो जाए। उन्होंने करीब 40-50 लाख रुपये खर्च किए।

    नजीर ने खुलासा किया कि अफरीदी ने अपने मैनेजर को निर्देश दिया था कि जितनी जरूरत हो उतनी रकम भेजो। अफरीदी दान के विभिन्न कार्यों में भाग लेने के लिए जाने जाते हैं और अपना खुद का चैरिटी शाहिद अफरीदी फाउंडेशन भी चलाते हैं, जिसका उद्देश्य शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है। नजीर ने भारत के खिलाफ रन आउट होने से पहले 2007 में वर्ल्ड टी20 फाइनल में 14 गेंदों में 33 रनों की तूफानी पारी खेली थी। भारत ने पांच रन से मैच जीत लिया था। नजीर ने 1999 से 2012 के बीच आठ टेस्ट, 79 वनडे और 25 टी20 मैच खेले।

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