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शाह रशीद अहमद कादरी कौन हैं जो पद्म श्री पाने के बाद बन गए पीएम मोदी के मुरीद?

नई दिल्‍ली: शाह रशीद अहमद कादरी (Shah Rasheed Ahmed Quadari) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद बन गए हैं। उन्‍हें पीएम (PM Narendra Modi) ने गलत साबित किया है। कादरी को लगता था कि उन्‍हें मोदी राज में कतई पद्म श्री (Padma Shri
Award) नहीं मिल सकता है। अलबत्‍ता, यह उम्‍मीद उन्‍होंने कांग्रेस के नेतृत्‍व वाली यूपीए सरकार से लगाई थी। शाह रशीद अहमद कादरी ने प्रधानमंत्री मोदी से इस बात का इजहार भी कर दिया। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Druapadi Murmu) से पद्म श्री मिलने के बाद उन्‍होंने मोदी से यह बात कही। उनकी इस बातचीत का वीडियो भी सामने आया। इसके बाद लोगों के मन में सवाल है कि आखिर शाह रशीर अहमद कादरी कौन हैं? उन्‍होंने ऐसा क्‍या किया है कि वह पद्म श्री पाने की उम्‍मीद लगाए हुए थे?


500 साल पुरानी बि‍दरी कला को रखा है जिंदा
शाह रशीद अहमद कादरी को 500 साल पुरानी बि‍दरी कला को जिंदा रखने का श्रेय जाता है। वह बिदरी शिल्पकला से जुड़े जाने-माने परिवार से हैं। उन्होंने 1970 तक अपने परिवार के बुजुर्गों के संरक्षण में इस कला को जाना समझा। जब रशीद ने अपने हाथ में कमान ली तो उन्होंने इसमें जबर्दस्‍त इनोवेशन किया। नए डिजाइन और पैटर्न पेश किए। बिदरी शिल्प को विकसित करने में उन्‍होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह कर्नाटक के बीदर से ताल्‍लुक रखते हैं। यही बि‍दरी कला का केंद्र है।

पद्म श्री से पहले म‍िल चुके हैं कई सम्‍मान
रशीद ने पिछले कई सालों में अपने काम से कई पुरस्कार जीते हैं। इनमें स्‍टेट अवॉर्ड (1984), नेशनल अवॉर्ड (1988 ), कर्नाटक राज्य उत्सव पुरस्कार (1996) और द ग्रेट इंडियन अचीवर्स अवार्ड (2004) शामिल हैं। उन्होंने हॉलैंड, बार्सिलोना, शिकागो, बहरीन और ओमान जैसी जगहों पर जाकर प्रदर्शनियों में हिस्‍सा लिया। इस दौरान उन्‍होंने अपनी कला का प्रदर्शन भी किया।

क्‍या है ब‍िदरी कला?
बिदरीवेयर (बिदरी कला से बने बर्तन) का विकास 14वीं सदी में बहमनी सुल्तानों के शासन के दौरान हुआ था। अपनी आकर्षक जड़ाई कला के कारण बिदरीवेयर भारत का एक महत्वपूर्ण निर्यात हैंडीक्राफ्ट है। इसे धन के प्रतीक के रूप में बेशकीमती माना जाता है। इस्‍तेमाल की जाने वाली धातु शुद्ध चांदी की पतली चादरों के साथ जस्ता और तांबे की काली मिश्र धातु होती है। परंपरागत रूप से विभिन्न फूल, पत्ते, ज्यामितीय डिजाइन, मानव आकृतियां, शैलीबद्ध पोस्त के पौधे आदि आमतौर पर वस्तुओं पर पाए जाते हैं। फारसी गुलाब के पैटर्न की मांग और अरबी लिपि में कुरान के अंश भी पश्चिम में काफी मांग में हैं।

आज राष्‍ट्रप‍त‍ि भवन में क्‍या हुआ?
राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में बुधवार को कादरी को पद्म श्री से सम्‍मानित किया गया। कादरी को यह सम्‍मान राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान सभी पुरस्‍कार विजेताओं से मुलाकात की। मुलाकात के दौर में प्रधानमंत्री मोदी जब शाह रशीद अहमद कादरी के पास पहुंचे तो शिल्‍प गुरु दिल की बात बोल बैठे। पीएम मोदी से कादरी ने कहा कि कांग्रेस राज में उन्‍हें पद्म पुरस्‍कार मिलने की उम्‍मीद थी। यह और बात है कि ऐसा नहीं हो पाया। उन्‍हें बिल्‍कुल नहीं लगता था कि बीजेपी सरकार यह सम्‍मान देगी। लेकिन, पीएम मोदी ने उन्‍हें गलत साबित कर दिया।

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