देश

चीन के साथ भारत के संबंध क्यों नहीं अच्छे ? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया अपने स्टाइल में जवाब

नई दिल्ली: चीन को लेकर सरकार की नीति को लेकर विपक्ष के सवाल के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम चीन से डरते नहीं। उन्होंने कहा कि यदि हम डरते तो बॉर्डर पर सेना नहीं तैनात करते। विपक्ष खासकर कांग्रेस के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ईमानदारी से यह देखना चाहिए कि 1962 में क्या हुआ था। लद्दाख में पैंगोंग के पास वाला इलाका 1962 से चीन के अवैध कब्जे में है। न्यूज एजेंसी ANI के साथ खास इंटरव्यू में एस जयशंकर चीन, पाकिस्तान, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री से जुड़े सभी सवालों के जवाब दिए।

एस जयशंकर ने कहा कि मैं बताना चाहता हूं कि चीन ने 1962 में हमारी जमीन के एक टुकड़े पर कब्जा कर लिया था। अब विपक्ष 2023 में मोदी सरकार पर आरोप लगा रहा है कि चीन उस जमीन पर ब्रिज बना रहा है जिस पर चीन ने 1962 में कब्जा कर लिया था। एस जयशंकर ने कहा कि मैं लंबे समय तक चीन का राजदूत रहा और बॉर्डर मुद्दों को डील कर रहा था। राहुल गांधी के उस बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि एस जयशंकर को विदेश नीति के बारे में ज्यादा पता नहीं।

एस जयशंकर ने कहा कि मैं यह नहीं कहूंगा कि मुझे सबसे अधिक ज्ञान है लेकिन इतना कहूंगा कि मुझे चीन के विषय पर काफी कुछ पता है। अगर उनको (राहुल गांधी) चीन पर ज्ञान होगा तो मैं उनसे भी सीखने के लिए तैयार हूं। एस जयशंकर ने कहा कि सभी कहते हैं कि हमें सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना चाहिए तो कांग्रेस ने ऐसा क्यों नहीं किया। मैंने सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट देखा। मोदी सरकार में बजट 5 गुणा बढ़ा है। 2014 तक यह 3-4 हजार करोड़ था और आज यह 14 हजार करोड़ है। हमारी सरकार इसको लेकर गंभीर है।

रूस और यूक्रेन युद्ध से हमारे संबंध में कोई असर नहीं पड़ा। हमारे संबंध चीन को छोड़कर सभी बड़ी ताकतों से अच्छे हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि चीन के साथ हमारे संबंध इसलिए अच्छे नहीं है क्योंकि उसने कई समझौते तोड़े हैं। आज हमारा वैश्विक स्तर बहुत ऊंचा है। आज हम अपनी सोच, अभियान और विदेश नीति को लागू करने की रणनीति को लेकर पहले की तुलना में अधिक स्पष्ट हैं और ये होना भी चाहिए।

एस जयशंकर ने कहा कि हमारे अमेरिका से अच्छे संबंध हैं। पिछले दशक में आप देख सकते हैं कि विश्व में काफी बदलाव हुआ है। आप देख सकते हैं कि रूस के साथ हमारे कितने मजबूत संबंध हैं। गल्फ देशों का कहना है कि आज का भारत 10 साल पहले के भारत से कहीं अधिक विश्वसनीय है। आप वहां के लोगों से पूछेंगे तो मैं शर्त लगाता हूं कि सभी लोग कहेंगे कि हम प्रधानमंत्री मोदी को प्राथमिकता देंगे। एस जयशंकर ने कहा कि ऐसा पहले क्यों नहीं हुआ। मुझे लगता है कि जब आपकी मानसिकता वोट बैंक की हो, तो आप विदेश नीति और इसे क्रियान्वित करने के बारे में गंभीर नहीं होते। आपके लिए यह एक नारा है कि वे हमारे साथ हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button