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तुम्हें क्यों लगता है कि हर कोई तुम्हें मारना चाहता है, ऐसा क्या है तुम्हारे अंदर?… मरियम ने इमरान पर बरसाए तंज

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टी पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने गुरुवार को मुल्क के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पीटीआई सरकार के कार्यकाल के दौरान ‘कुछ न करने’ के लिए इमरान खान पर हमला बोला। मरियम ने सवाल पूछा कि इमरान को क्यों लगता है कि वह इतने ‘महत्वपूर्ण’ हैं कि बाकी सब उन्हें मारना चाहते हैं। खबरों की मानें तो इमरान खान को डर सता रहा था कि टीटीपी उनकी हत्या करना चाहता है। हालांकि आतंकवादी संगठन ने इस दावे का खंडन किया है।

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, एबटाबाद में एक कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मरियम नवाज ने पीटीआई के मुखिया पर कई कटाक्ष किए। उन्होंने कहा, ‘आपको क्यों लगता है कि आप इतने महत्वपूर्ण हैं कि हर कोई आपको मारने की साजिश रच रहा है?’ मरियम ने कहा, ‘पहले, उन्होंने कहा कि एक अमेरिकी साजिश के तहत उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया गया लेकिन फिर उन्होंने माफी मांग ली। फिर उन्होंने आसिफ अली जरदारी पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया और कल उन्होंने एजेंसियों को दोषी ठहराया।’

सेना से लेकर जरदारी तक इमरान के आरोप

मरियम की टिप्पणी सोशल मीडिया पर एक वीडियो के सामने आने के एक दिन बाद आई है। वीडियो में पीटीआई चीफ ने कथित तौर पर दावा किया था कि सैन्य नेतृत्व एक ‘लोकप्रिय राजनेता’ को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले उन्होंने जरदारी पर उन्हें ‘रास्ते से हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया था’। एबटाबाद में भाषण देते हुए मरियम ने कहा कि उनके पिता पीएमएल-एन के मुखिया नवाज शरीफ सुनवाई के दौरान व्हील चेयर पर बैठक कोर्ट में हाजिर होते थे, उन्होंने ‘कोई अपराध नहीं किए थे’।

टीटीपी ने कहा- लड़ाई इमरान से नहीं, सेना से

मरियम ने कहा कि मेरी कामना है इमरान खान जल्द ठीक हो जाएं। लेकिन मैं आपको बताना चाहती हूं कि वह अपने अपराधों की वजह से कोर्ट का सामने नहीं आ रहे हैं, ना कि अपने प्लास्टर की वजह से। गुरुवार को टीटीपी ने इमरान खान के उस दावे का खंडन किया कि दक्षिण वजीरिस्तान के लोगों को उन्हें मारने का काम सौंपा गया है। मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, टीटीपी ने कहा कि उसकी लड़ाई सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के खिलाफ है, न कि किसी राजनीतिक शख्सियत के खिलाफ।

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