क्यों कछुए और खरगोश वाली कहानी से भी बढ़कर है पुजारा की टेस्ट यात्रा?

नई दिल्ली: भारतीय सिनेमा में विनोद खन्ना, विनोद मेहरा, शशि कपूर, धर्मेंद्र और ऋषि कपूर कुछ ऐसे कलाकार रहें हैं जो बेहद उम्दा होने के बावजूद वो शोहरत और वाहवाही दर्शकों से नहीं लूट पाए जिसके वो शायद असली हकदार थे। इसके पीछे की मुख्य वजह रही कि इन कलाकारों का कई फिल्मों में दिग्गज एक्टर अमिताभ बच्चन के साथ कामयाब जोड़ी बनाना. फिल्मों के हिट होने से जोड़ी को कुछ समय तक सिनेमा-प्रेमी याद ज़रुर रखते थे लेकिन लंबी रेस में उस फिल्म के हिट होने में सिर्फ और सिर्फ एक ही नाम याद रखा जाता था जो है अमिताभ बच्चन का।
भारतीय क्रिकेट में या यूं कहें कि टेस्ट क्रिकेट में पिछले डेढ़ दशक में चेतेश्वर पुजारा के साथ भी ऐसा ही हुआ है। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे बड़े खिलाड़ियों के बीच पुजारा को कभी वो सुर्खियां नहीं मिली जिसके वो हकदार रहें हैं. लेकिन,ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अब वह दिल्ली में अपना 100वां टेस्ट खेल रहें हैं, जिससे उन्होंने एक बार फिर कछुए और खरगोश वाली कहानी को नई पीढ़ी के सामने में नए तरीके से उदाहरण के तौर पर पेश करने की कोशिश की है। अपने करियर में पुजारा को अक्सर उनके स्ट्राइक रेट को लेकर कोसा गया, दबी जुबान में आलोचना की गई, टीम से ड्रॉप भी किया गया लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी। जैसा कि उनके साथी रविचंद्रन अश्विन ने एक शानदार लेख में लिखा है कि पुजारा बेहद ज़िद्दी किस्म के हैं और अपनी मजबूती को कभी भी छेड़ते नहीं है।