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जब अलकायदा से लेकर ISIS तक जान के पीछे पड़े तब गन लाइसेंस की बात लीक क्यों हुई?

नई दिल्‍ली: बीजेपी की पूर्व प्रवक्‍ता नूपुर शर्मा को सेल्‍फ-डिफेंस की खातिर आर्म्‍स लाइसेंस दिया गया है। एक टीवी शो के दौरान, पैगंबर मोहम्‍मद पर टिप्‍पणी के बाद से ही नूपुर को इस्‍लामिक कट्टरपंथियों से धमकियां मिल रही हैं। धमकियां भी विरोध-प्रदर्शन की नहीं, सीधे सिर कलम करने की। नूपुर भी शायद यह बात अच्‍छे से समझती हैं कि ये कोरी धमकियां भर नहीं हैं। कट्टरपंथियों ने ईशनिंदा के नाम पर कई जानें ली हैं। नूपुर को राजस्‍थान के कन्‍हैया लाल का चेहरा अच्‍छे से याद होगा। पेशे से दर्जी कन्‍हैया को दो सिरफिरों ने पिछले साल मौत के घाट उतार दिया था। नूपुर ने मशहूर लेखक सलमान रश्‍दी का हाल भी देखा होगा। ऊपर से इस्‍लामिक स्‍टेट और अल कायदा की जिहादी धमकियां… नूपुर ने बंदूक का लाइसेंस भले ही ले लिया हो पर खतरा बरकरार है। यही वजह है कि वे एक गुप्‍त स्‍थान पर शिफ्ट कर गई हैं। जान पर मंडरा रहे ऐसे खतरे के बीच नूपुर को हथियार रखने का लाइसेंस मिलने की बात लीक कैसे हुई? यह सवाल जरूर पूछा जाना चाहिए। आखिर हर आर्म्‍स लाइसेंसधारी का नाम यूं पब्लिक में नहीं आता, फिर नूपुर का क्‍यों? वह भी तब जब उनके सिर पर जिहादी हत्‍या की तलवार लटक रही है।

मई 2022 से लगातार मिल रहीं धमकियां
नूपुर ने पिछले साल मई में कथित टिप्‍पणी की थी जिसके बाद बीजेपी ने उन्‍हें पार्टी से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया। मामले को लेकर दिल्‍ली, मुंबई, हैदराबाद समेत कई शहरों में उनके खिलाफ FIR दर्ज है। साइबर सेल ने नूपुर से पूछताछ भी की थी। टीवी डिबेट के फौरन बाद ही उन्‍हें धमकियां मिलने लगी थीं। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ शिकायत दर्ज की। एक सिक्‍योरिटी ऑडिट के बाद, स्‍पेशल सेल और सुरक्षा एजेंसियों ने कई उपाय बताए। नूपुर अब अज्ञात जगह पर रह रही हैं और उन्‍हें सिक्‍योरिटी भी मिली है। एक अधिकारी के अनुसार, नूपुर ने हैंडगन (शॉर्ट रेंज वेपन) के लिए अप्‍लाई किया था जो अब उन्‍हें मिल गया है।

उन्‍होंने (नूपुर) हमें बताया कि उनका पता, फोन नंबर और निजी जानकारियां लीक हो गई हैं और उन्‍हें बार-बार रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं… उनके पैरंट्स और बहन को भी ऐसी ही धमकियां मिलीं। कॉल करने वाले इंटरनैशनल नंबर्स यूज कर रहे थे।
नूपुर शर्मा को डर क्‍यों लगना चाहिए?
विवादित टिप्‍पणी के बाद न सिर्फ नूपुर का राजनीतिक करियर दांव पर लगा, बल्कि जान पर भी बन आई। उनके खिलाफ देश-विदेश के मुसलमानों ने प्रदर्शन किए। उनकी तस्‍वीरों पर X का निशान बनाया गया। संदेश साफ था कि नूपुर की बोलती बंद करनी है। कुछ लोग नूपुर के समर्थन में आए तो उनकी भी जिंदगी खतरे में पड़ गई। सोशल मीडिया पर नूपुर के समर्थन में लिखने वाले उदयपुर के कन्‍हैया लाल को याद कीजिए। दो मुस्लिमों ने उदयपुर स्थित दुकान में घुसकर बेरहमी से कन्‍हैया का गला रेत दिया था। न सिर्फ हत्‍या हुई, बल्कि उसपर नाज करते हुए वीडियो भी बनाया गया। उन दोनों हत्‍यारों को पाकिस्‍तान से बैकिंग मिली थी, यह बात सामने आई।
रक्‍तपिपासु चरमपंथियों ने देश ही नहीं, विदेश तक नूपुर के खिलाफ माहौल बनाया। ईरान, कतर, कुवैत जैसे मुस्लिम-बहुल देशों के दनादन बयान आने लगे, कूटनीतिक संबंधों पर असर की बात होने लगी। विदेश मंत्रालय ने तब कहा था कि मामले में ऐक्‍शन हुआ है और नूपुर की राय निजी है, वह भारत सरकार का मत नहीं है। सरकार ने नूपुर को ‘फ्रिंज एलिमेंट’ तक बता दिया। इसके बाद नूपुर का विरोध और तेज हुआ।

ISIS, अल कायदा… नूपुर के खून के प्‍यासे हुए चरमपंथी
पूर्व बीजेपी नेता को कितना खतरा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाएं कि अल कायदा और ISIS जैसे आतंकवादी संगठन उनके पीछे पड़े हैं। पिछले साल अल कायदा ने अपने मुखपत्र के जरिए भारतीय मुसलमानों को उकसाया। कहा कि नूपुर को ‘सबक’ सिखाया जाए। एक वीडियो जारी किया गया जिसमें धमकी दी गई कि उसके लड़ाके दिल्‍ली, गुजरात, यूपी और मुंबई में आत्‍मघाती धमाके करने को तैयार हैं।

जून 2022 में इस्‍लामिक स्‍टेट (ISIS) ने नूपुर शर्मा के लिए एक धमकी भरा लेटर जारी किया। इसमें ISIS लड़ाकों से भारत में हमला करने का आह्वान किया गया। रूस की फेडरल सिक्‍योरिटी सर्विस ने पिछले साल अगस्‍त में ISIS के एक आतंकवादी अजामोव माशाहोन्त को पकड़ा। उससे पूछताछ में पता चला कि वह नूपुर को मारने की योजना बना रहा था। मई में उपजे विवाद के बाद उसे तुर्की में खास ट्रेनिंग दी गई थी। हाई रिस्‍क के बावजूद, नूपुर को गन लाइसेंस मिलने की बात लीक होना गोपनीयता पर सवाल खड़े करता है।

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