दूसरे विश्व युद्ध में 1000 आस्ट्रेलियाई कैदियों की कब्रगाह बने जापानी जहाज का मिला मलबा, अमेरिका ने डुबोया था

चार किमी गहरे पानी में मिला जहाज का मलबा
समुद्री पुरातत्व समूह साइलेंटवर्ल्ड फाउंडेशन ने इस जहाज के मलबे की खोज की है। उन्होंने शनिवार को बताया कि जहाज का मलबा समुद्र में करीब 4 किलोमीटर की गहराई में मिला है। मोंटेवीडियो मारू का डूबना ऑस्ट्रेलिया की सबसे खराब समुद्री दुर्घटना मानी जाती है। इसमें कम से कम 850 सैनिकों सहित अनुमानित 979 ऑस्ट्रेलियाई नागरिक मारे गए थे। फाउंडेशन ने कहा कि 13 अन्य देशों के नागरिक भी सवार थे, जिससे मारे गए कैदियों की कुल संख्या लगभग 1,060 हो गई।
ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने खोज को बताया ऐतिहासिक
इस खोज के बाद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने एक ट्वीट में कहा कि आखिरकार, मोंटेवीडियो मारू की खोई हुई आत्माओं का विश्राम स्थल मिल गया है। विमान पर 1,060 कैदियों में से 850 ऑस्ट्रेलियाई सर्विस के मेंबर थे। उन्होंने कहा कि इस खोज के पीछे का असाधारण प्रयास हमारे देश की सेवा करने वालों को हमेशा याद रखने और उनका सम्मान करने के ऑस्ट्रेलिया के वादे की स्थायी सच्चाई का सबूत है।" "हमें उम्मीद है कि आज की खबर उन प्रियजनों को कुछ राहत पहुंचाएगी जिन्होंने लंबा समय इंतजार में बिताया है।"
एंजैक डे के ठीक पहले हुई मलबे की खोज
यह खोज एंजैक डे के ठीक पहले हुई है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड 25 अप्रैल को सभी सैन्य संघर्षों में मारे गए सैनिकों की याद में एंजैक डे को मनाते हैं। इस खोज के बाद ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने एक वीडियो संदेश में कहा कि यह ऑस्ट्रेलिया के समुद्री इतिहास में सबसे दुखद अध्यायों में से एक को समाप्त करता है। मोंटेवीडियो मारू के डूबने के स्थान के बारे में जानकारी उन अधूरे ख्वाबों को दर्शाती है, जिन्होंने अब तक देश के लिए जान गंवाई है।
6 अप्रैल को हुई थी खोज की शुरुआत
खोजकर्ताओं ने फिलीपींस के लुजोन के मुख्य द्वीप के उत्तर-पश्चिम में दक्षिण चीन सागर में 6 अप्रैल को मलबे की खोज शुरू की। इसके लिए खोजकर्ताओं ने सोनार के साथ एक ऑटोनोमस डीप समर्सिबल शिप सहित कई उच्च तकनीक वाले उपककरणों का इस्तेमाल किया। इसके ठीक 12वें दिन उन्होंने शिप के मलबे की पहचान कर ली। साइलेंटवर्ल्ड फाउंडेशन के डायरेक्टर जॉन मुलेन ने कहा कि मोंटेवीडियो मारू की खोज ऑस्ट्रेलियाई सेना और समुद्री इतिहास में एक भयानक अध्याय को बंद कर दिया है। इस खोज में ऑस्ट्रेलियाई सेना और गहरे समुद्र का सर्वे करने वाली डच र्म फुग्रो ने साथ दिया।