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एन्यूटी प्लान के साथ ले सकते हैं जीवन भर पेंशन का आनंद, यहां जानिए पूरी बात

नई दिल्ली: रिटायरमेंट के बाद आप पेंशन के विकल्प पर विचार कर रहे हैं तो इसका एक जरिया एन्यूटी प्लान हो सकता है। लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से इसे आसानी से खरीदा जा सकता है। इस खरीदने से पहले इसमें मिलने वाली कवरेज, सुरक्षा और लिक्विडिटी यानी उसमें से रकम निकालने की गुंजाइश को अच्छी तरह से टटोल लें। चूंकि इसके तहत लंबे समय तक पैसा मिलता है लिहाजा रिटर्न कम होता है। आप ऐसे प्लान की तलाश कर सकते हैं जिसमें इमरजेंसी आने पर जमा रकम का एक हिस्सा एकमुश्त निकाल सकें। एन्यूटी के दो रूप चलन में हैं पहला तुरंत और दूसरा स्थगित। इनमें से किसका चुनाव करना है यह आपकी उम्र और पैसे की जरूरतों के हिसाब से तय होता है। आपने पहले से ही अच्छी खासी रकम जमा की हुई है और अब से एक गारंटीड इनकम पाना चाहते हैं तो जानकारों की राय में तुरंत यानी इमीडिएट एन्यूटी आपके लिए उपयोगी हो सकता है। यह निवेश करने के पहले साल से चालू हो जाता है और इसे आप सालाना, छमाही या फिर मंथली आधार पर ले सकते हैं।

वहीं, स्थगित यानी डेफर्ड एन्यूटी प्लान में आपको किया जाने वाला भुगतान आपके निवेश से 5-15 वर्ष आगे के लिए टल जाता है। इसमें आपको पैसा तब मिलता है जब वास्तव में आपको उसकी जरूरत होती है। आम तौर यह दौर रिटायरमेंट के बाद शुरू होता है। इसमें आप मौजूदा ब्याज दर पर अपना पैसा निवेश कर कितने वर्षों के बाद से रिटर्न चाहिए यह तय कर सकते हैं। हां, इस बात का खयाल जरूर रखें कि एन्यूटी प्रॉडक्ट खरीद लेने के बाद आप अपने मूलधन को वापस नहीं पा सकते हैं। लिहाजा, किसी आपात स्थिति के लिए कुछ पैसा जरूर रखें। जानकारों का कहना है कि व्यक्ति को एन्यूअल एन्यूटी ही खरीदना चाहिए ताकि बेहतर रिटर्न हासिल किया जा सके।

म्यूचुअल फंड या इंडेक्स फंड

एन्यूटी का एक तरीका वैरिएबल भी है जिसमें पॉलिसीहोल्डर को कई सारे ऐसे निवेश ऑप्शन मिलते हैं जो शेयर बाजार से जुड़े होते हैं। यह उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है जो लंबी अवधि में लाभ हासिल करने के लिए निवेश के कुछ रकम पर रिस्क उठाने के लिए तैयार हैं। हालांकि, यह Mutual Fund या Index Fund के मुकाबले ज्यादा खर्चीला बैठता है। वेरिएबल एन्यूटी लेने का विचार करने से पहले निवेश करने के अपने मकसद, रिस्क झेलने की क्षमता और फाइनैंशल स्थितियों का आकलन भी कर लें। कई जानकारों का कहना है कि यदि आपके पास रिटायरमेंट के बाद इनकम का कोई और जरिया भी हो तभी इसमें निवेश करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए। इसकी वजह है कि शेयर बाजार की चाल का भी इसमें किए गए निवेश पर असर होता है। हालांकि, इसे महंगाई से मुकाबले के लिए भी उपयोगी माना जाता है।

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