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नाचो-नाचो गाने के स्टेप्स भूल जाएंगे आप, सोशल मीडिया पर धमाल मचा रहा ‘इंपॉसिबल डांस’

नई दिल्ली: मशहूर निर्देशक एसएस राजामौली की फिल्म RRR के गाने नाचो-नाचो गाने ने सफलता के झंडे गाड़ रखे हैं। गोल्डन ग्लोब अवार्ड में बेस्ट सॉन्ग का खिताब जीतने के बाद पूरे भारत में इसकी चर्चा है। साउथ फिल्म इंडस्ट्री के अलावा बॉलीवुड से भी इस फिल्म के कलाकारों, म्यूजिक डायरेक्टर, डायरेक्टर और बाकी लोगों को खूब बधाई मिल रही है। लेकिन इस बीच सोशल मीडिया पर एक और गाने की भी खूब चर्चा हो रही है। इस गाने के स्टेप्स ऐसे हैं जिसके बाद शायद आप नाचो-नाचो गाने के स्टेप्स तक भूल जाएं। वीडियो के वायरल होते ही लोग इस खोज में लग गए हैं कि असंभव सा दिखने वाला यह डांस आखिर दुनिया के किस कोने का है। इस डांस का नाम क्या है। हम भी आपको यही बताने वाले हैं। तो आइए जानते हैं इस इंपॉसिबल डांस के बारे में।

मानो स्प्रिंग लगी हो, सोशल मीडिया पर खूब हो रहा शेयर
यह इंपॉसिबल डांस सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। इस डांस का नाम जौली है। Figen नामक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि यह जौली डांस सेंट्रल आइवरी कोस्ट का है और इसे दुनिया का सबसे असंभव डांस का तमगा दिया गया है। इस वीडियो में ऐसा क्या है जिसकी इतनी चर्चा है। 1 मिनट के इस वीडियो को मिलियन व्यूज मिल चुके हैं। इसमें एक शख्स है जो इस असंभव सा दिखने वाला डांस कर रहा है। शख्स को देखकर लगता है मानो उसके पैरों में कोई स्प्रिंग लगी है। बिजली से भी तेज रफ्तार में डांस कर रहा है। लोग इस डांस स्टेप को देखकर हैरान हैं। यूजर्स भी इस डांस स्टेप्स को देखकर हैरान हैं। एक ने कहा यह तो बिजली से भी तेज डांस कर रहा है।

क्या है जौली डांस जिसकी है इतनी चर्चा
जौली एक मशहूर म्यूजिक और डांस फॉर्म है। यह कोटे डी’ आइवर के बोआफले और ज्यूएनौला शहर के गुरों सदस्यों की संस्कृति का एक हिस्सा है। इस डांस के माध्यम से स्त्री के सौंदर्य को ट्रिब्यूट दिया जाता है। इस डांस फॉर्म में मास्क, पोशाक, म्यूजिक और डांस सब होता है। इस डांस की खासियत संगीत की ताल, डांसर के पैरों की गति और डांसर का मुखौचा होता है। डांसर का मुखौटा सबसे अहम होता है। ऐसा कहा जाता है कि मशहूर डांसर और गायक दिवंगत माइकल जैक्सन ने भी अपने डांस मूव्स इसी जौली डांस फॉर्म से ही लिए गए थे। डांसर के मुखौटे पर भी बात कर लेते हैं। यह मुखौटा पहनने से जौली कला पवित्र हो जाती है। यह मास्क यरांजा लकड़ी से बना होता है। इसे बनाने में 6 महीने लगते हैं।

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