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विंध्य का पुनर्निर्माण न होना सरदार पटेल और महात्मा गांधी की परिकल्पना का अपमान :- नारायण त्रिपाठी
विधायक मैहर नारायण त्रिपाठी ने प्रथक विंध्य प्रदेश के नवनिर्माण को लेकर कहा कि हमारे राष्ट्रगीत में स्पष्ट वर्णित है कि विंध्य हिमांचल यमुना गंगा यानी विंध्य के बिना राष्ट्रगीत अधूरा है। यदि विंध्य नही तो राष्ट्रगीत भी पूर्ण नही होता। सिंधु तो पाकिस्तान में चला गया व विंध्य प्रदेश रहा नही इसलिए राष्ट्रीय गीत अपने आप मे अधूरा है। विंध्य प्रदेश का न होना सरदार पटेल व महात्मागांधी की परिकल्पना का अपमान है। ये दोनों नेता चाहते थे कि विंध्य प्रदेश बने और इनके चाहने की बदौलत ही विंध्य प्रदेश बना था लेकिन छल कपट कूटरचना का हमारा विंध्य शिकार हुआ और मध्यप्रदेश में विलय कर लिया गया। विंधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि इसलिए आज जो भी सरदार पटेल और महात्मागांधी को मनाने वाले लोग है जो उनके अनुयायी है हमारे विंध्य प्रदेश का पुनर्निर्माण कराने में सहभागिता निभा दोनो महापुरुषों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें।

विंध्य का पुनर्निर्माण न होना सरदार पटेल और महात्मा गांधी की परिकल्पना का अपमान :- नारायण त्रिपाठी
विधायक मैहर नारायण त्रिपाठी ने प्रथक विंध्य प्रदेश के नवनिर्माण को लेकर कहा कि हमारे राष्ट्रगीत में स्पष्ट वर्णित है कि विंध्य हिमांचल यमुना गंगा यानी विंध्य के बिना राष्ट्रगीत अधूरा है। यदि विंध्य नही तो राष्ट्रगीत भी पूर्ण नही होता। सिंधु तो पाकिस्तान में चला गया व विंध्य प्रदेश रहा नही इसलिए राष्ट्रीय गीत अपने आप मे अधूरा है। विंध्य प्रदेश का न होना सरदार पटेल व महात्मागांधी की परिकल्पना का अपमान है। ये दोनों नेता चाहते थे कि विंध्य प्रदेश बने और इनके चाहने की बदौलत ही विंध्य प्रदेश बना था लेकिन छल कपट कूटरचना का हमारा विंध्य शिकार हुआ और मध्यप्रदेश में विलय कर लिया गया। विंधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि इसलिए आज जो भी सरदार पटेल और महात्मागांधी को मनाने वाले लोग है जो उनके अनुयायी है हमारे विंध्य प्रदेश का पुनर्निर्माण कराने में सहभागिता निभा दोनो महापुरुषों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें।

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