उत्तर प्रदेशक्राइम

न्यू करेंसी नोट की गड्डी डेढ़ गुने दाम पर,कालाबाजारी के लिए न्यू नोट की सप्लाई कहां से ? :जनप्रतिनिधि/जनता।

प्राइवेट दलाल और सप्लायर मिलकर जनता का कर रहे शोषण।

BANDA -जनता परेशान है, शादियों में नए नोट चाहिए लड़कियों की शादियां लड़कों की शादियों में मजबूर होकर लोगों को ब्लैक में 1000 रुपए की जगह 15 00 देकर 10 नोट की एक गड्डी लेनी पड़ती है। ऐसे ही 20 के नोटों में भी कालाबाजारी चरम सीमा पर है

बांदा में मुख्य ब्रांच स्टेट बैंक में कैशचेस्ट है जहां पर नया नोट रखा जाता है और लोगों को शादियों के लिए एक काउंटर बना रखा गया है लेकिन उस काउंटर में अब नोट नहीं दिए जा रहे हैं। अब यह नोट बांदा के सराय स्थिति कई दुकानों में ओपन मार्केट में मिल जाएंगे बबेरू विधायक विशंभर यादव ने रिजर्व बैंक के गवर्नर तथा प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ व प्रधानमंत्री भारत सरकार नरेंद्र मोदी मिनिस्टर को ट्वीट करके पूरा मामला संज्ञान में लाते हुए जांच की मांग की है। यह बबेरू विधायक विशंभर यादव ने लगाया है। जो समाजवादी पार्टी बहुत सारे लोगों ने उनसे जाकर शिकायत की और यह भी बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक का खजाना कैश चेस्ट मे मैं नोट रखने की व्यवस्था है।

इस मामले में शालिनी पटेल नेता ने भी बांदा की जनता कि आप बीती सुनाई किस तरह से बैंक वाले और प्राइवेट दलाल मिलकर जनता को लूट रहे हैं। जनता का शोषण कर रहे हैं, गरीब किसान का शोषण हो रहा है। इस बात की तस्वीर करने जब दैनिक भास्कर की टीम ने पहुंच भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा बांदा के चीफ मैनेजर के पास के मैनेजर ने अपनी सफाई देते हुएखूब सुरती से आरोप को दरकिनार करते हुए साफ बचने का प्रयास कर रहे हैं। के मैनेजर श्री सरोज कुमार मैनेजर ने ऑन कैमरा यह बताया कि हमारे बैंक से कालाबाजारी हेतु नया नोट नहीं जा रहा है लेकिन सच्चाई यह भी है की नोट नहीं जा रहा है और जनता को यह नोट दे भी नहीं रहे हैं दो हफ़्ते मैं लगभग एक सैकड़ो लोग नए नोट की गड्डियां से 10 की 20 की 100 की 200 की गड्डियां नहीं दी जा रही हैं जो बार काउंटर नंबर चार बनाया गया था वह देखिए वीडियो में खाली दिख रहा है उसे काउंटर में बैठे हुए व्यक्ति की ड्यूटी कहीं और लगा दी गई साथ में एक व्यक्ति खड़ा रहता था जो खजाने से लाकर पैसा देता था उसे भी कहीं और शिफ्ट कर दिया गया।

आपको बताते चलें कि के मैनेजर एस एल सरोज स्टेट बैंक बांदा ने बताया कि हमारे कैसे चेस्ट में 10 और 20 का नोट है और आगे रिजर्व बैंक ने आदेश कर दिया है तो आगे और भी मिल जाएगा और हम इसको क्रमशः जरूरतमंद जनता को बाटेंगे लेकिन सच्चाई यह है की मैनेजर साहब के काउंटर से और 20 के नए नोट नहीं दिए जा रहे हैं। विधायक विशंभर यादव का कहना है बांदा की सराय जैन पाननी वाली गली में लगभग दो दर्जन दुकानें हैं जो बांदा जनपद की जरूरतमंदों को ब्लैक मार्केट में बेच रहे हैं 10 का नोट ₹1500 में 20 का नोट ₹2800 में आखिर से पैसा बैंक से नहीं मिल रहा है तो यह रुपया आता कहां से है? क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने बांदा में स्टेट बैंक को यह ऑथराइज्ड कर रखा है कि नोट रखेगा।

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