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56 कश्मीरी पंडित आतंकियों के निशाने पर:सरकारी विभागों में काम करने वाले पंडितों की सूची आतंकियों के हाथ लगी

कश्मीर घाटी में सरकारी विभागों में काम करने वाले 56 कश्मीरी पंडितों की सूची लीक हो गई है और आतंकियों के हाथ लग गई है। इस सूची को आतंकी संगठन से जुड़े ब्लॉग पर शेयर किया जा रहा है और कश्मीरी पंडितों को धमकाया जा रहा है। भाजपा ने इस मामले में जांच करवाने की मांग की है।

2010 से पीएम पुनर्वास पैकेज के तहत 5000 पंडितों की भर्ती की जा चुकी है। पहले से ही घाटी में निशाना बनाकर कश्मीरी पंडितों की हत्या की जा रही है। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के ब्लॉग लिंक पर कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की सूची साझा की गई।

इस लिस्ट में 56 कश्मीरी पंडितों के नाम हैं जो कि प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत काम कर रहे हैं। टीआरएफ के ब्लॉग कश्मीर फाइट में कहा गया है कि कश्मीरी पंडितों के लिए जो 6 हजार फ्लैट बनाए जा रहे हैं, यह उन्हें बर्दाश्त नहीं हैं। भाजपा प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने सूची के लीक होने को लेकर चिंता जताई है। ठाकुर ने पुलिस से कहा है कि इस मामले की जांच की जाए कि आखिर यह लिस्ट कैसे लीक हुई।

कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा के लिए जांच जरूरी है। इसी बीच पुलिस ने अपने जवानों के लिए नई एसओपी जारी की है जिसमें कहा गया है कि उन्हें ड्यूटी से बाहर रहते हुए भी सतर्क रहना है।

एक साल में 24 हिंदुओं की हो चुकी है हत्या
कश्मीरी पंडितों के विभिन्न संगठनों ने पिछले एक साल के दौरान घाटी में आतंकवादियों द्वारा 24 कश्मीरी और गैर कश्मीरी हिंदुओं की हत्या की है। भाजपा प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने पुलिस से सूची के लीक होने की जांच करने का अनुरोध किया है। ठाकुर ने कहा कि आतंकवादियों को स्पष्ट पता है कि कौन कहां तैनात है। सरकार को इस पर कड़ा संज्ञान लेना चाहिए। यह पता करना चाहिए कि ऐसे समय में किसने सूची लीक की है जब घाटी में लक्षित हत्याएं हो रही हैं।

इस साल मारे गए 176 आतंकी
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को खत्म करने के लिए पुलिस और सेना की तरफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान एनकाउंटर में कई आतंकियों को ढेर भी किया गया। इस साल अक्टूबर तक 176 आतंकी मारे गए हैं। इनमें 126 लोकल आतंकी थे। जम्मू और कश्मीर में अभी कुल 134 एक्टिव आतंकी मौजूद हैं। इनमें से 83 विदेशी और 51 लोकल आतंकी हैं।

इस साल अब तक 21 टारगेट किलिंग हो चुकी हैं। इनमें कश्मीरी पंडित, राज्य के बाहर से आए मजदूर और सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। इस साल अलग-अलग आतंकी हमलों में 9 हिंदुओं की जान जा चुकी है।

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