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क्रेडिट सुइस, सिलिकॉन वैली तो झांकी है, पिक्चर अभी बाकी है, बैंकिंग संकट पर डरा रही इस दिग्गज इन्वेस्टर की चेतावनी

नई दिल्ली: अमेरिका, यूरोप जैसे बड़े देशों के बैंक फेल हो रहे हैं। सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank), सिग्नेचर बैंक (Signature Bank), फर्स्ट रिपब्लिक बैंकों (First Republic Bank) की हालात हम सबने देखी। वहीं स्विट्जरलैंड के दिग्गज बैंक क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) पर जारी बैंकिंग संकट ने दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ा दी। अमेरिका में लगातार बैंकिंग संकट बढ़ रहा है। दो बैंकों पर ताला लग गया है। कई और बैंकों पर संकट मंडरा रहा है। अमेरिका में हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। अगर स्थिति ऐसी ही बनी रही तो आने वाले दिनों में कई और बैंक संकट में घिर सकते हैं। यही चिंता दुनिया के दिग्गज निवेशक और अरबपति वॉरेन बफे (Warren Buffett) ने भी जताई है।

वॉरेन बफे की चेतावनी

दिग्गज निवेशक ने अमेरिका में जारी बैंकिंग संकट पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि बैंकिंग संकट पहली बार नहीं है। पहले भी अमेरिका में इस तरह की स्थिति देखने तो मिली है और आने भविष्य में भी ऐसे और भी बैंकिंग संकट आ सकते हैं। वॉरेन बफे की चेतावनी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी, लेकिन उन्होंने कहा कि लोगों को इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। वॉरेन ने कहा कि इस संकट से ज्यादातर लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि लोगों के पैसे फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन के पास सुरक्षित हैं। भले ही बैंक डूब जाए, लेकिन ज्यादातर निवेशकों के पैसे अमेरिकी फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन के पास सुरक्षित हैं।

क्या है अमेरिका में नियम

दरअसल अमेरिका में फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन लोगों को बैंक जमा पर सुरक्षा की गारंटी देता है। ये गारंटी 2.5 लाख डॉलर तक की होती है। यानी अगर कोई बैंक डूब जाता है तो अमेरिका के FDIC के नियम के मुताबिक बैंक के खाताधारकों को 2.5 लाख डॉलर तक का क्लेम मिल सकता है। जिस तरह से भारत में बैंक जमाधारकों को आरबीआई की तरफ से DICGC इंश्योरेंस की सुरक्षा मिलती है। उसी तरह से अमेरिका में लोगों को FDIC की सुरक्षा मिलती है। भारत में बैंक के डूबने पर लोगों को बैंक सुरक्षा नियम के तहत 5 लाख रुपये तक की जमा रकम मिल जाती है।

2008 के बैंकिंग संकट से तुलना

गौरतलब है कि अमेरिका में सिग्नेनर बैंक, सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने के बाद से लोगों की चिंता बढ़ गई। निवेशक घबराए हुए हैं। लोग बैंकों से अपना पैसा निकालने लगे हैं। लोग इस बैंकिंग संकट को साल 2008 के बैंकिंग संकट से जोड़कर देख रहे हैं। अमेरिकी सरकार बैंकों की स्थिति सुधारने की कोशिश कर रहा है। वहीं यूरोप के सबसे पुराने बैंकों में से एक क्रेडिट सुइस पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यूएसबी बैंक ने संकटग्रस्त क्रेडिट सुइस को खरीदने के लिए तैयार हुआ। सरकार ने इस डील के लिए 109 अरब स्विस फ्रैंक का बचाव पैकेज तैयार किया। स्विस पार्लियामेंट के अपर हाउस ने इस पैकेज में सरकारी योगदान को मंजूरी दे दी, लेकिम मामला लोअर हाउस में अटक गया।

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