दिवाली-छठ पर महंगाई की मार, महंगा हुआ रसोई गैस सिलेंडर, चेक करें अपने शहर के नए रेट
दिवाली के जश्न के बीच आम जनता को महंगाई का झटका लगा है। सरकारी तेल कंपनियों ने एक नवंबर 2024 से 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी का एलान किया है। इंडियन ऑयल द्वारा किए गए इस संशोधन के बाद अब कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत 62 रुपये बढ़कर 1802 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई है। हालांकि, घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है।
62 रुपये महंगा हुआ कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर
त्योहारी सीजन और शादियों के शुरू होने के साथ ही सरकारी तेल कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दामों में इजाफा किया है। एक नवंबर 2024 से 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 62 रुपये बढ़ाकर अब दिल्ली में 1802 रुपये प्रति सिलेंडर कर दी गई है, जो पहले 1740 रुपये थी। महीने की शुरुआत में दामों की इस समीक्षा ने रेस्टोरेंट, होटल और कई छोटे व्यवसायों पर महंगाई का दबाव बढ़ा दिया है, जिनके लिए कमर्शियल गैस सिलेंडर आवश्यक होते हैं।
4 महीनों में 156 रुपए की बढ़ोतरी
दिवाली के बाद देश में कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में लगातार चौथे महीने वृद्धि देखने को मिली है। इस बार कीमतों में 62 रुपये का इजाफा किया गया है। पिछले चार महीनों में औसतन 156 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी हुई है, जिससे होटल, रेस्टोरेंट, और छोटे व्यवसायों पर महंगाई का अतिरिक्त भार पड़ रहा है। चारों महानगरों में बढ़ती कीमतें त्योहारों और शादियों के सीजन में व्यापारियों के लिए चिंता का विषय बन गई हैं।
चेक करें अपने शहर के नए रेट
आज से चारों महानगरों में 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम में वृद्धि हुई है। यहाँ नए दामों का विवरण दिया गया है। त्योहारी और शादियों के सीजन में इन बढ़ी हुई कीमतों का असर छोटे व्यवसायों और खाद्य उद्योगों पर विशेष रूप से पड़ने की संभावना है।
दिल्ली: 1740 रुपये से बढ़ाकर 1802 रुपये
कोलकाता: 1850 रुपये से बढ़ाकर 1911.50 रुपये
मुंबई: 1692.50 रुपये से बढ़ाकर 1754.50 रुपये
चेन्नई: 1903 रुपये से बढ़ाकर 1964.50 रुपये
घरेलू सिलेंडरों के दाम में बदलाव नहीं
हालांकि, घरेलू एलपीजी सिलेंडरों की कीमतें स्थिर हैं, जिससे आम घरों पर इसका सीधा असर नहीं पड़ेगा। लेकिन कमर्शियल सिलेंडरों के बढ़े दाम से बाहर खाना या होटल में भोजन करना महंगा हो सकता है, जो विशेष रूप से त्योहार और शादी के सीजन में उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगा।