परमाणु बम से भी हाथ धो बैठेगा पाकिस्तान? ‘छीन’ लेगा अमेरिका, उखड़ जाएंगे भारत के दुश्मन के एटमी दांत

इस्लामाबाद: पाकिस्तान क्या टूट जाएगा? अगर ये बर्बाद हो गया तो इसके न्यूक्लियर बम का क्या होगा? आज के समय ये एक वाजिब सवाल हैं। क्योंकि पाकिस्तान इस समय पैसे की कमी से जूझ रहा है। कई रिपोर्ट ने यह भी कह दिया है कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो पाकिस्तान मई तक डिफॉल्ट कर जाएगा। पैसे की कमी से पाकिस्तान गृह युद्ध की ओर भी बढ़ सकता है। पाकिस्तान जैसे देश में इस बात की संभावना है कि यहां अचानक से कोई धार्मिक कट्टरपंथी ग्रुप उठे और सत्ता में आ जाए। एक परमाणु संपन्न देश में अस्थिरता दुनिया के लिए खतरा हो सकता है। पाकिस्तान में ऐसा हो सकता है, इस संभावना को अमेरिका ने बहुत पहले भांप लिया था। इस स्थिति से निपटने के लिए उसने बहुत पहले तैयारी कर ली थी।
पाकिस्तान पर नहीं है विश्वास
लेकिन दो ऐसी घटनाएं दुनिया के सामने आईं, जिसने पाकिस्तान के परमाणु बम पर सवाल खड़े कर दिए। पहला था 2004 जब, पाकिस्तान के न्यूक्लियर बम का दिमाग कहे जाने वाले AQ खान पर हथियारों के सीक्रेट लीबिया, ईरान और उत्तर कोरिया को बेचने का आरोप लगा। दूसरा मौका था 2011 जब पाकिस्तान में अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को ढेर कर दिया। साल 2011 में ही मीडिया में एक रिपोर्ट आती है, जिसके मुताबिक अगर अमेरिकी राष्ट्रपति को लगता है कि पाकिस्तान के हथियार उसके देश या हितों के लिए खतरा हैं तो वह स्नैच एंड ग्रैब प्लान को एक्टिव कर देंगे। अमेरिका पाकिस्तान के परमाणु बम को हमेशा खतरा मानता रहा है। शायद यही वजह थी कि साल 2022 में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने परमाणु हथियारों वाले पाकिस्तान को दुनिया के लिए खतरा बताया था।
क्या होगा अगर एक्टिव हुआ स्नैच एंड ग्रैब प्लान
क्या ये प्लान एक्टिव होने पर अमेरिकी सेना पाकिस्तान में घुस कर परमाणु हथियारों को अपने कब्जे में ले लेगी? एक बड़ा सवाल यह भी है कि क्या यह प्लान ओसामा को मारने जितना आसान होगा और पाकिस्तानी सेना इसमें मदद करेगी? इसके बारे में कोई डिटेल पब्लिक में नहीं है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने युद्ध तक की बात कह डाली थी। जनरल मुशर्रफ ने कहा था, ‘परमाणु बम को सीज करने की कोशिश पाकिस्तान और अमेरिका के बीच युद्ध शुरु कर देगा। ये पाकिस्तान की संपत्ति है, जो पूरे देश में सुरक्षित जगहों पर हैं। 18,000 से ज्यादा सैनिक इसकी सुरक्षा कर रहे हैं।’