सिंधु जल समझौते पर भारत से टकराव क्यों चाह रहा पाकिस्तान? अब बर्दाश्त करने को राजी नहीं भारत

नई दिल्ली: सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान भारत से टकराव क्यों चाहता है? क्यों इस मसले पर पाकिस्तान समझौते को तोड़ना चाहता है? भारत को उसे काउंटर करने के लिए कदम उठाने क्यों पड़े? हाल ही में भारत ने सालों पुराने इस समझौते की शर्तों को बदलने की मांग की, जिसके बाद ये सवाल उठ रहे हैं। इसके पीछे पाकिस्तान के एकतरफा उठाए गए कई कदमों को जिम्मेदार बताया गया।
डैम का विरोध : 2007 में जम्मू-कश्मीर में जब भारत ने किशनगंगा हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के तहत रन ऑफ द रिवर बांध का निर्माण किया तो पाकिस्तान ने इसका विरोध किया। साथ ही भारत की ओर पानी आपूर्ति भी बाधित करने की कोशिश की। इस प्रोजेक्ट से हजारों लोगों को सिंचाई और बिजली का लाभ मिलने वाला था। बाद के सालों में पाकिस्तान की ओर से ऐसी ही कुछ और कोशिशें हुईं।
भारत ने उठाई आवाज : पाकिस्तान की हरकत लगातार जारी रही तो भारत ने हाल ही में कड़े कदम उठाने का फैसला किया। भारत ने कहा कि जब पाकिस्तान 63 साल पुराने समझौते से पीछे हट रहा है और उसकी शर्तों को मानने से इनकार कर रहा है तो इसमें संशोधन की जरूरत है। साथ ही यह भी कहा गया कि पिछले पांच वर्षों में भारत ने जल आयोग की मीटिंग में पाकिस्तान के सामने इससे जुड़े मसले लगातार उठाए, लेकिन पाकिस्तान पर इसका कोई असर नहीं हुआ।