उत्तर प्रदेशसामाजिक

BANDA – बालिका शिक्षा, (PCPNDT) अधिनियम का जागरूकता शिविर।

BANDA – बालिकाओं/महिला के अधिकारों की रक्षा में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण:- श्रीपाल सिंह सचिव।

कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत सरकार की मुहिम।


ब्यूरो एन के मिश्र 

बांदा – उoप्रo राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ एवं जिला जज/अध्यक्ष,-बांदा डा० बब्बू सारंग के निर्देश से आज दिनांक 08.08.2024 को बालिका शिक्षा तथा PCPNDT एक्ट के सम्बंध में उच्च प्राथमिक विद्यालय ग्राम पहुई जिला बांदा में विधिक जागरुकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर की अध्यक्षता श्रीपाल सिंह,अपर जिला जज/सचिव,बांदा द्वारा की गयी ।

श्रीपाल सिंह, अपर जिला जज/सचिव,बांदा ने अपने सम्बोधन में कहा कि शिक्षा जीवन जीने का एक अनिवार्य हिस्सा हैं चाहे वह लड़का हो या लड़की। बालिकाओं/महिला के अधिकारों की रक्षा में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह लिंग के आधार पर भेदभाव को रोकने में भी मदद करती हैं। शिक्षा बालिकाओं/महिलाओं को जीवन के मार्ग को चुनने का अधिकार देने का पहला कदम हैं जिस पर वह आगे बढ़ती हैं। एक शिक्षित बालिका या महिला में कौशल,प्रतिभा और आत्मविश्वास होता हैं जो उसे एक बेहतर मॉ, बेहतर कर्मचारी और देश का सम्मानित नागरिक बनाती हैं किन्तु माता-पिता की नकारात्मक सोच,विद्यालय में कम सुविधाएं, संशाधनों की कमी,गरीबी,धार्मिक कारणों से, बाल-विवाह,बाल मजदूरी आदि ऐसे कई कारक हैं जो समाज में बालिकाओं/महिलाओं की कम शिक्षा के लिए जिम्मेदार हैं।

श्रीमती रमा साहू-प्रबन्धक, वन स्टाप सेण्टर, जिला प्रोबेशन कार्यालय बांदा द्वारा अपने सम्बोधन में सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रम संकल्प-HEW के सम्बंध में तथा भ्रूण हत्या के सम्बंध में जानकारी प्रदान की। संकल्प – HEW के अन्तर्गत कानूनी जानकारियां सरल व सहज भाषा लोगो को उपलब्ध कराना है जिससे कि बच्चियों को सुरक्षित रखा जा सके। भ्रूण हत्या रोकने के लिए महिलाओं को जागरुक किये जाने की आवश्यकता है जिससे वह पारिवारिक दबाव के समय इसका विरोध कर सके। उन्होने बताया कि यह बड़े हर्ष का विषय है कि हमारे जनपद में बच्चियों का लिगांनुपात बढ़ा है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं का गौरवपूर्ण स्थान रहा है। परिवार में बच्चियों के बिना परिवार संतुलित एवं सुखी नही रह सकता। साथ ही उन्होंने वन स्टाप सेण्टर द्वारा पीड़ित महिलाओं को प्राप्त अधिकारों व सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं तथा उoप्रo मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना आदि के सम्बंध में व्यापक जानकारी प्रदान की ।

श्रीमती सुमन शुक्ला, पराविधिक स्वयं सेवक ने अपने वक्तव्य में कहा कि देश में उचित सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए लड़कियों की शिक्षा आवश्यक हैं। पुरुष और महिला दोनो सामाज में दो समान पहियों की तरह समानान्तर चलते हैं। इसलिए दोनो ही देश के विकास और प्रगति के महत्वपूर्ण घटक हैं। इस प्रकार जब भी शिक्षा की बात आती हैं तो दोनो को बराबर अवसर की आवश्यकता होती हैं।

रमेश सिंह पटेल-स० अध्यापक ने अपने वक्तव्य में कहा कि देश के भविष्य के लिए भारत में लड़कियों की शिक्षा आवश्यक हैं क्योंकि महिलाएं अपने बच्चों की पहली शिक्षक हैं जो देश का भविष्य हैं। अशिक्षित महिला परिवार के प्रबन्धन में योगदान नही दे सकती और बच्चों की उचित देखभाल करने में असमर्थ रहती हैं। इस प्रकार भविष्य की पीढ़ी कमजोर हो सकती हैं। लड़कियों की शिक्षा के सामाजिक,आर्थिक, राजनैतिक व धर्म इत्यादि अनेक क्षेत्रों में लाभ हैं।

शिविर के अन्त में अध्यापक रमेश सिंह पटेल द्वारा सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। शिविर में मुख्य रुप से सहायक अध्यापक श्रीमती सुषमा परिहार, श्रीमती अनीता कुमारी व श्रीमती प्रीति श्रीवास के साथ राशिद अहमद-डी.ई.ओ व समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें।

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