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चंदा और दीपक कोचर को बड़ी राहत, कोर्ट ने दिए रिहाई के आदेश

नई दिल्ली: आईसीआईसीआई बैंक-वोडाफोन लोन फ्रॉड (CICI bank-Videocon loan fraud case) मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ (ICICI CEO ) चंदा कोचर (Chanda Kochhar) और उनके पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) को बड़ी राहत मिली है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी रिहाई के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि उनकी रिलाई नियमों के अनुसार नहीं की गई थी। जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए रिहाई के आदेश दे दिए।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कोर्ट ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए उनकी रिहाई के आदेश दे दिए। कोर्ट ने कहा कि दोनों की गिरफ्तारी कानून के अनुरूप नहीं हुई है। कोर्ट ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की रिहाई के आदेश दे दिए हैं। वहीं माना जा रहा है कि सीबीआई अब मामले में सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकती है। इससे पहले शुक्रवार को न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वी राज चव्हाण की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। 23 दिसंबर को आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन बैंक लोन मामले में सीबीआई ने चंदा कोचर, दीपक कोचर को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। जहां सीबीआई ने कहा कि दोनों पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जवाब में टालमटोल कर रहे हैं, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं 26 दिसंबर को वीडियोकॉन के चैयरमैन वेणुगोपाल धुत को भी गिरफ्तार कर लिया था। 3250 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी के इस मामले की शुरूआत साल 2009 में हुई।

चंदा कोचर पर आरोप लगे कि उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ, एमडी रहते हुए नियमों की अनदेखी करते हुए वीडियोकॉन को लोन दिया। अपने पति दीपक कोचर को लाभ पहुंचाने के लिए उन्होंने नियमों की अनदेखी करते हुए वीडियोकॉन को लोन दिया। मार्च 2018 में जब से खुलासा हुआ तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। वहीं इस मामले में छानबीन के बाद सीबीआई ने उनके पति दीपक कोचर को भी गिरफ्तार कर लिया। दिसंबर 2022 में वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल भी सलाखों के पीछे पहुंच गए।

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