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सबसे अच्‍छे दोस्‍त’ पुतिन से मिलने आज रूस पहुंच रहे चीनी राष्‍ट्रपति जिनपिंग, खत्‍म होगा यूक्रेन युद्ध? समझें

मास्‍को: चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग अपने ‘सबसे अच्‍छे दोस्‍त’ रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए मास्‍को जा रहे हैं। जिनपिंग का यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब पुतिन के खिलाफ अंतरराष्‍ट्रीय युद्धापराध प्राधिकरण ने वारंट जारी किया है। माना जा रहा है कि जिनपिंग पुतिन के साथ एकजुटता को दिखाने के लिए मास्‍को जा रहे हैं। इस बीच जिनपिंग ने यूक्रेन संकट के समाधान के लिए ‘न्‍यायसंगत रास्‍ता’ अपनाया जाना चाहिए। हालांकि उन्‍होंने यह भी माना है कि यूक्रेन संकट के एक हल तक पहुंचना आसान नहीं होगा। जिनपिंग का यूक्रेन के राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की से भी बातचीत का प्‍लान है।


एक रूसी अखबार में लिखे अपने लेख में जिनपिंग ने कहा कि इस यात्रा के दौरान चीन के राजनीतिक समाधान के 12 सूत्री प्रस्‍ताव पर चर्चा हो सकती है। इस प्रस्‍ताव को जिनपिंग ने पिछले महीने दिया था। जिनपिंग का यह दौरा उनके तीसरी बार चीन का राष्‍ट्रपति बनने के बाद हो रहा है। पुतिन के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद जिनपिंग पहले ऐसे नेता होंगे जो रूसी राष्‍ट्राध्‍यक्ष से हाथ मिलाने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि रूस जिनपिंग की यात्रा को इस बात के सबूत के तौर पर पेश कर सकता है कि उसका एक शक्तिशाली दोस्‍त पश्चिमी देशों की शत्रुता के खिलाफ उसके साथ खड़ा है।


दुविधा में फंसा है चीन, क्‍या करेंगे जिनपिंग ?

यूक्रेन युद्ध में रूस की सेना संघर्ष कर रही है और अमेरिका ने चीन को चेतावनी दी है कि वह पुतिन की सेना को किसी भी तरह के हथियारों की सप्‍लाइ नहीं करे। अब चीन के सामने दुविधा की स्थिति बन गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के पास विकल्‍प है कि या तो वह कुछ भी नहीं करे और यूक्रेन में रूस की शर्मनाक स्थिति के खतरे को देखता रहे जो खुद बीजिंग के हित में नहीं है। या फिर वे रूस की मदद के लिए आगे आएं और अमेरिका तथा पश्चिमी देशों के साथ और ज्‍यादा खतरनाक रिश्‍ते का खतरा मोल लें।

इस बीच चीनी अखबार में छपे पुत‍िन के एक लेख में कहा गया है कि उन्‍हें ‘अच्‍छे पुराने मित्र’ की यात्रा से बहुत आशाएं जुड़ी हुई हैं। पुतिन और जिनपिंग ने पिछले साल एक रणनीतिक भागीदारी पर सहमति जताई थी और कहा था कि इसकी ‘कोई सीमा नहीं’ होगी। यही नहीं जिनपिंग भी एक बार पुतिन को ‘सबसे अच्‍छा’ मित्र बता चुके हैं। इस यात्रा के दौरान दोनों नेता संबंधों को और मजबूत करने को लेकर समझौता कर सकते हैं। वे बहुध्रुवीय विश्‍व पर जोर दे सकते हैं। इस पूरी बातचीत में यूक्रेन संकट पर पूरा ध्‍यान दिया जाएगा।

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