दुनिया

तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप से अब तक 4000 मौतें, हर तरफ लाशों का ढेर, 35000 के मरने की आशंका!

अंकारा: तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए जलजले ने अब तक 4000 लोगों की जान ले ली है। तीन बड़े भूकंप के बाद तुर्की और सीरिया में तबाही का माहौल है। रिक्‍टर स्‍केल पर 7.8, 7.6 और 6 की तीव्रता वाले भूकंप के बाद हर तरफ लाशों का ढेर लगा हुआ है। न्‍यूज एजेंसी एपी की तरफ से बताया गया है कि हजारों लोग घायल हैं और इमारतों के मलबे में अपनों की तलाश जारी है। भारत समेत दुनिया के कई देशों की तरफ से राहत सामग्री रवाना कर दी गई है। डिजास्‍टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट अथॉरिटी (AFAD) तुर्की में भूकंप से 2921 और सीरिया में 1444 लोगों की जान गई है। माना जा रहा है कि इस आंकड़े में अभी इजाफा होने वाला है।

सात दिनों का राष्‍ट्रीय शोक
पहला भूकंप तुर्की के गजियानटेप प्रांत के करीब नूरदागी में आया जो सीरिया के बॉर्डर पर है। दूसरा भूकंप एकिनोझाहू में आया जो कहारनमारस के पास है और तीसरा भूकंप गोकसन में आया जो इसी प्रांत में पड़ता है। इस विनाशकारी भूकंप के बाद राष्‍ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान की तरफ से सात दिनों का राष्‍ट्रीय शोक घोषित किया गया है। इस दौरान पूरे देश में और दूसरे देशों में इसके दूतावासों पर तुर्की के झंडों को आधा झुकाया रखा जाएगा। मंगलवार को तुर्की और सीरिया में भूकंप के बाद झटकों के आने का सिलसिला जारी है। 24 घंटे में यहां पर कई झटके आ चुके हैं जिनके बाद लोगों में दहशत का माहौल है।

आठ गुना ज्‍यादा तबाही!
विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) की तरफ से कहा गया है कि भूकंप की वजह से दोनों देशों में मृतकों का आंकड़ा 20,000 तक पहुंच सकता है। संगठन के एक सीनियर इमरजेंसी ऑफिसर कैथरीन स्‍मॉलवुड की मानें तो अभी तबाही की पूरी तस्‍वीर नहीं आई है और शुरुआती आंकड़ों की तुलना में यह आठ गुना ज्‍यादा हो सकती है। यानी हो सकता है कि तुर्की और सीरिया में भूकंप से करीब 35 हजार लोगों की जान चली गई हो। विशेषज्ञों के मुताबिक तीन बड़े झटकों के अलावा अब तक 100 से ज्‍यादा झटके आ चुके हैं। पूरी दुनिया ने तुर्की और सीरिया के लिए राहत सामग्री भेजनी शुरू कर दी है।

1999 में भी आया ऐसा भूकंप

तुर्की और सीरिया के इस भूकंप ने दक्षिण-पूर्वी प्रांत के कहारनमारस प्रांत में जमकर तबाही मचाई लेकिन इसका असर लेबनान की राजधानी बेरूत के अलावा दमिश्‍क में भी देखा गया। मिस्र तक नागरिकों में दहशत देखी गई। साल 1999 में तुर्की में ऐसा ही भूकंप आया था जिसमें 18,000 लोगों की मौत हो गई थी।भारत के अलावा यूके, यूरोपियन यूनियन, रूस, अमेरिका, जॉर्डन, मैक्सिको, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने तुर्की की मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button