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बजट सत्र में हंगामा करने वाले सांसदों की बढ़ेंगी मुश्किल! संसदीय समिति 13 सदस्यों से मांगेगी जवाब

नई दिल्ली : संसद की एक समिति ने बजट सत्र के पहले चरण के दौरान उच्च सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए एक निलंबित सदस्य सहित 13 विपक्षी राज्यसभा सदस्यों से विशेषाधिकार हनन नोटिस पर स्पष्टीकरण मांगने का फैसला किया है।राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इनमें से 12 सांसदों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस समिति को भेजा था। उपसभापति हरिवंश की अध्यक्षता वाली राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति ने सोमवार को सर्वसम्मति से 13 सांसदों से स्पष्टीकरण मांगने का फैसला किया, जिनमें कांग्रेस के नौ और आम आदमी पार्टी (आप) के तीन सांसद शामिल हैं।
कांग्रेस की सांसद रजनी पाटिल हुई थीं निलंबित
इन सांसदों में से कांग्रेस की रजनी पाटिल को उच्च सदन की कार्यवाही की वीडियोग्राफी करने के लिए 10 फरवरी को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था। पार्टी के अन्य सदस्यों में शक्तिसिंह गोहिल, नारनभाई जे राठवा, सैयद नासिर हुसैन, कुमार केतकर, इमरान प्रतापगढ़ी, एल हनुमनथैया, फूलो देवी नेताम, जेबी माथेर हिशाम और रंजीत रंजन शामिल हैं। आप के सदस्य संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और संदीप कुमार पाठक हैं।
इन सांसदों में से कांग्रेस की रजनी पाटिल को उच्च सदन की कार्यवाही की वीडियोग्राफी करने के लिए 10 फरवरी को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था। पार्टी के अन्य सदस्यों में शक्तिसिंह गोहिल, नारनभाई जे राठवा, सैयद नासिर हुसैन, कुमार केतकर, इमरान प्रतापगढ़ी, एल हनुमनथैया, फूलो देवी नेताम, जेबी माथेर हिशाम और रंजीत रंजन शामिल हैं। आप के सदस्य संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और संदीप कुमार पाठक हैं।
आसन के पास जाकर की थी नारेबाजी
राज्यसभा के 18 फरवरी को जारी बुलेटिन में कहा गया था कि धनखड़ ने विशेषाधिकार समिति से 12 सांसदों द्वारा आसन के निकट आने, नारेबाजी करने और कार्यवाही में बाधा डालने के लिए विशेषाधिकार हनन के मामले की जांच करने को कहा है। इस महीने की शुरुआत में समाप्त हुए बजट सत्र के पहले चरण के दौरान विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन के कारण राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। सूत्रों ने कहा कि चूंकि सदस्य विशेषाधिकार समिति से सीधे शिकायत नहीं कर सकते, इसलिए मामला अध्यक्ष के समक्ष आया। उन्होंने इसे जांच और रिपोर्ट करने के लिए पैनल के पास भेज दिया।
राज्यसभा के 18 फरवरी को जारी बुलेटिन में कहा गया था कि धनखड़ ने विशेषाधिकार समिति से 12 सांसदों द्वारा आसन के निकट आने, नारेबाजी करने और कार्यवाही में बाधा डालने के लिए विशेषाधिकार हनन के मामले की जांच करने को कहा है। इस महीने की शुरुआत में समाप्त हुए बजट सत्र के पहले चरण के दौरान विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन के कारण राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। सूत्रों ने कहा कि चूंकि सदस्य विशेषाधिकार समिति से सीधे शिकायत नहीं कर सकते, इसलिए मामला अध्यक्ष के समक्ष आया। उन्होंने इसे जांच और रिपोर्ट करने के लिए पैनल के पास भेज दिया।