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पता है, गुस्से में पागल हाथी को कंट्रोल कैसे करते हैं? जानें गजराज की वो बात, जो आपको पता नहीं होगी

नई दिल्ली: गोरखपुर में दो दिन पहले कलश यात्रा के दौरान गजराज को किसी बात पर गुस्सा आ गया। फिर क्या था। हाथी ने जो तांडव मचाया कि दो महिलाओं और एक चार साल के मासूम की मौत हो गई। भड़के हाथी ने सूंड़ में पहले लपेटकर पटका फिर कुचल दिया। बताते हैं कि उस समय वहां करीब एक हजार लोग मौजूद थे। भगदड़ मची और कुछ देर बाद वन विभाग की टीम ने बेहोशी का इंजेक्शन देकर गजराज को शांत किया। वैसे, हाथी के बिदकने का यह कोई पहला मामला नहीं है। केरल से लेकर यूपी-बिहार तक ऐसी घटनाएं पढ़ने और सुनने को मिलती रहती हैं। एक्सपर्ट डॉक्टर कह रहे हैं कि हाथी मदमस्त था। ऐसी स्थिति में वह अपने आप में खोया रहता है और किसी बात पर या शोर होने पर भड़क जाता है। लेकिन लोगों के मन में सवाल है कि अगर हाथी भड़क जाए और वन विभाग की टीम पहुंचने में वक्त हो तो उसे शांत कैसे किया जाए? क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे तांडव मचा रहे गजराज का गुस्सा ठंडा किया जा सकता है? पहले ही समझ लीजिए कि जानवर का मूड कोई नहीं समझ सकता, ऐसे में कोई भी उपाय करते समय दूरी बनाकर जरूर रखें।


    पंखे जैसे बड़े-बड़े कान और तलवार जैसे दांतों वाले हाथी को आप जंगल का ‘पहलवान’ ही समझिए। ये अपने पर आ गए तो फिर इंसान अपने दम पर कुछ नहीं कर सकते। अक्सर जंगली इलाके में देखा गया है कि हाथी बाइक सवार या जीप वाले को दौड़ा लेते हैं। नहीं संभले तो गाड़ी को पलट भी देते हैं। वैसे, इतना सब पढ़कर अगर आप हाथी के बारे में सब निगेटिव ही सोच रहे हैं तो आप गलत हैं। संवेदना और सहयोग का भाव इनके अंदर कूट-कूटकर भरा होता है। ये देखकर और नकल कर बहुत सी चीजें सीख लेते हैं। इन्हें बुद्धिमान जानवर माना जाता है।

    कुमकी हाथी कर देगी गुस्सा ठंडा

    • भड़के हाथी को कंट्रोल करने के लिए कई राज्यों में हाथी को ही बुलाया जाता है। जी हां, इन्हें कुमकी हाथी (Kumki Elephant) कहते हैं। इनकी मदद से भड़के हाथियों को भगाया जाता है।
    • कर्नाटक, ओडिशा, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में कई बार हाथी गांवों में घुस जाते हैं। कुमकी जंगली हाथियों से ज्यादातर ताकतवर होते हैं। कुमकी हाथी मादा होते हैं।
    • पहली बार हो सकता है कि कुमकी और गुस्साए हाथी के बीच फाइट होने लगे, कुछ समय बाद कुमकी हाथी भारी पड़ता है।
    • इसके बाद भड़के हाथी के पैरों में जंजीरें बांध सकते हैं और कुमकी हाथी की मदद से उसे सुविधानुसार जगह पर ले जाया जा सकता है।

    मधुमक्खी की आवाज से ही भाग जाएंगे

    एक्सपर्ट बताते हैं कि हाथियों को तेज रोशनी दिखाकर, मिर्च पाउडर वाले कंडे जलाकर या मधुमक्खी जैसी तेज भनभनाहट वाली आवाज निकालकर या ढोल बजाकर भी भगाया जा सकता है। कई राज्यों में जंगल के आसपास बसे लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए अभियान भी चलाए गए हैं।

    न पेड़ पर चढ़ें, न पानी फेंकिएगा

    • कभी भी हाथी के 100 मीटर की दूरी में न रहें। इससे वह आपको खतरा महसूस कर सकता है।
    • पेड़ पर चढ़कर जान बचाने की कोशिश न करें। हाथी का 100 किलो से ज्यादा वजनी सूंढ़ बड़े आराम से छोटे-मोटे पेड़ को हिलाकर या उखाड़कर आपको गिरा सकता है।
    • हाथी की खाल 2.5 सेमी तक मोटा होती है। ऐसे में ढेला या कंकड़-पत्थर फेंकने से हाथी महाशय का गुस्सा शांत होने के बजाय और भड़क सकता है।
    • हाथी की सूंड़ में 8 लीटर तक पानी आ सकता है। इनके ऊपर पानी की बौछार करना बिल्कुल भी सही विकल्प नहीं है।
    • आहार ज्यादा लेने के कारण इनका समूह एक स्थान पर नहीं रहता। ये 2-3 के समूह में टहलते रहते हैं। ऐसे में अगर जंगल में एक हाथी दिख जाए तो बिल्कुल शांति से गुजरें क्योंकि इनके कई और साथी भी हो सकते हैं।

    आखिर में यह जान लीजिए कि हाथी महाशय काफी क्रिएटिव होते हैं। अगर इन्हें प्रशिक्षित किया जाए ये तो चित्र भी बना लेते हैं। पिछले दिनों एक वीडियो भी वायरल हुआ था।

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