दक्षिण चीन सागर में अभ्यास कर रही थी भारतीय नौसेना, फाइटर जेट और वॉरशिप से जासूसी कर रहा था चीन

बीजिंग: सात और आठ मई को दक्षिण चीन सागर (South China Sea) पर पहली बार आसियान-भारत युद्धाभ्यास का आयोजन हुआ। सोमवार को यह युद्धाभ्यास दक्षिण चीन सागर में जाकर खत्म हो गया। चीन ने इस युद्धाभ्यास की जासूसी करने की कोशिश की है। जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक चीन के जहाज और उसके एयरक्राफ्ट दक्षिणी चीन सागर में मौजूद थे। हालांकि इन मौजूदगी से ड्रिल पर कोई असर नहीं पड़ा क्योंकि चीनी जहाज और एयरक्राफ्ट अभ्यास में शामिल वॉरशिप्स के करीब नहीं आ सके थे।
चीन की आक्रामकता में तेजी
आसियान इंडिया मैरीटाइम एक्सरसाइज (AIME) का यह पहला दौर था। इस क्षेत्र में पहली बार भारत, फिलीपींस, इंडोनेशिया, सिंगापुर, मलेशिया, थाइलैंड, ब्रुनेई और वियतनाम के युद्धपोत हिस्सा ले रहे थे। सात मई को इस युद्धाभ्यास की शुरुआत हुई और आठ मई को यह खत्म हो गया था। चीन लगातार दक्षिण चीन सागर पर आक्रामक बना हुआ है। यहां पर उसके कई पड़ोसियों के साथ सीमा विवाद जारी हैं। एआईएमई के दौरान चीनी जहाजों के अलावा एक रिसर्च जहाज भी युद्धाभ्यास वाली जगह पर मौजूद था। वियतनाम के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन में इस ड्रिल को अंजाम दिया जा रहा था।
करीब नहीं आ सके चीनी जहाज
आसियान देशों के करीब होता भारत
चीन के कई आसियान देशों के साथ रिश्ते जहां बिगड़ रहे हैं तो वहीं भारत युद्धाभ्यास के जरिए इन देशों के करीब हो रहा है। भारत के इन देशों के साथ रक्षा संबंध मजबूत हो रहे हैं। इसके अलावा कई ट्रेनिंग प्रोग्राम को भी चलाया जा रहा है जिसका मकसद लड़ाकू विमानों और पनडुब्बियों को ऑपरेट करने के बारे में बताना है। साथ ही अब भारत की तरफ से हथियारों की सप्लाई भी बढ़ा दी गई है। उदाहरण के तौर पर भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के एंटी-शिप सिस्टम की तीन बैटरियों को सप्लाई किया है।