200 से अधिक चीनी ऐप्स होंगे बैन, लोन देकर लोगों को करते थे परेशान, कुछ ने सुसाइड भी किया

नई दिल्ली : गृह मंत्रालय ने एक बार फिर चाइनीज ऐप्स के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर ऐसे 232 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिन पर अवैध तरीके से लोन देने, जुए और सट्टेबाजी में शामिल होने का आरोप है। इनमें अधिकतर चीनी ऐप्स हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इन ऐप पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का आदेश शनिवार शाम ही जारी किया गया है। इनमें 138 ऐप सट्टेबाजी, जुआ और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। वहीं, अनधिकृत तरीके से लोन के जाल में फंसाने वाले 94 ऐप हैं।
परेशान लोगों ने आत्महत्या भी की
सबसे पहले नवभारत टाइम्स ने ही चीनी लोन ऐप से कर्जदार बनाने के मामलों को उजागर किया था। मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि जांच में पता चला है कि ये ऐप लोगों को कर्ज लेने और सट्टा खेलकर जीतने का लालच देते हैं। बाद में ये कर्जदारों पर सालाना 3000% तक ब्याज बढ़ा देते हैं। जब कर्जदार लोन के पैसे वापस करने में असमर्थता जताते तो उन्हें प्रताड़ित किया जाता। उन्हें वाट्सऐप समेत कई सोशल मीडिया मंच पर भद्दे मेसेज भेजते हैं और उनकी तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उन्हें वायरल करने की धमकी देते हैं। इससे परेशान होकर कई लोगों ने आत्महत्या भी की है।
दिल्ली समेत तेलंगाना, ओडिशा, यूपी जैसे राज्यों के साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने भी केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन ऐप पर कार्रवाई करने की सिफारिश की है। इन ऐप्स पर भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाले कंटेट मौजूद हैं। यह आईटी एक्ट की धारा 69 के तहत अपराध है। ये ऐप देश की आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर रहे थे।