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यह टीसीएस कोई कंपनी नहीं बल्कि टैक्स है, क्यों हो रही है इसकी चर्चा और किस पर लगता है यह टैक्स!

नई दिल्ली: टीसीएस (TCS) का नाम एक बार फिर चर्चा में है। इसकी वजह यह है कि सरकार ने विदेश में क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले खर्च पर 20 फीसदी टीसीएस लगाने का फैसला किया है। टीसीएस को लेकर लोगों के बीच में कनफ्यूजन है। दरअसल देश में टीसीएस नाम की एक कंपनी भी है। टाटा ग्रुप (Tata Group) की इस कंपनी का नाम टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) है। यह देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी और मार्केट कैप के लिहाज से रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के बाद दूसरे सबसे बड़ी कंपनी है। लेकिन यहां हम जिस टीसीएस की बात कर रहे हैं उसका मतलब टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स होता है। यह एक तरह का टैक्स है। यह टैक्स कुछ खास प्रकार की वस्तुओं के सौदे पर लगता है। आजकल यह एक बार फिर सुर्खियों में है। इसकी वजह यह है कि सरकार ने विदेश में इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड (international credit card) से होने वाली खरीदारी पर 20 परसेंट टीसीएस लगाने का फैसला किया है। यह व्यवस्था एक जुलाई से शुरू होगी।

सामान की कीमत लेते वक्त, उसमें टैक्स का पैसा भी जोड़कर ले लिया जाता है और सरकार के पास जमा कर दिया जाता है। TCS को खरीदार (purchaser) से वसूलने और सरकार के पास जमा करने की जिम्मेदारी उस व्यक्ति की होती है जो सामान बेचता है। यानी यह जिम्मेदारी Seller की होती है। कीमत मिलने के स्रोत से टैक्स वसूलने के कारण इसे Tax Collected at the Source यानी TCS कहा जाता है। इनकम टैक्स कानून की धारी 206C (1) के मुताबिक सिर्फ बिजनस उद्देश्य से कुछ विशेष वस्तुओं की बिक्री पर ही TCS काटने का नियम है। एक जुलाई से विदेशी टूर पैकेज एवं लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत विदेश भेजे गए पैसे पर 20 फीसदी टीसीएस लगेगा।

पांच लाख की खरीदारी, छह लाख का बिल

अगर आप विदेश दौरे पर क्रेडिट कार्ड के जरिए पांच लाख रुपये का भुगतान करते हैं तो आपके क्रेडिट कार्ड का बिल छह लाख रुपये का होगा। क्रेडिट कार्ड कंपनी आपसे 20 फीसदी एक्स्ट्रा वसूल करेगी और इसे टीसीएस के रूप में सरकार के पास जमा कराएगी। विदेश में क्रेडिट कार्ड के जरिए हर तरह के ट्रांजैक्शन पर टीसीएस लगेगा। अगर आप विदेशी वेबसाइट्स से खरीदारी करते हैं और यह सामान भारत में डिलीवर कराना चाहते हैं तो इस पर आपको टीसीएस देना होगा। अगर आप नॉन इंडिया गेटवेज के जरिए किसी एप या सर्विस के सब्सक्रिप्शन के लिए भुगतान करते हैं तो आपको टीसीएस देना होगा। आप रिटर्न भरते समय इसका क्लेम कर सकते हैं।

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