छत्तीसगढ़

जवान को नक्सलियों ने छोड़ा छत्तीसगढ़ में पुलिस की नौकरी छोड़ने की शर्त पर

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में बस्तर फाइटर्स के आरक्षक शंकर कुड़ियम को नक्सलियों ने शुक्रवार की शाम लगभग छह बजे सुरक्षाबल की नौकरी छोड़ने की शर्त पर रिहा कर दिया है। नक्सलियों ने अबूझमाड़ के जंगल में लगाई जनअदालत में यह निर्णय सुनाया। इस दौरान कई नक्सली लीडर, आसपास के तीन-चार गांवों के ग्रामीण, शंकर के स्वजन और सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे।

सूत्रों के हवाले से जनअदालत का जो दृश्य सामने आया है, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है। ये पुलिस वाला है, इसे मौत की सजा दो। बता दें कि जिन्होंने जनअदालत लगाई थी, वे भी आदिवासी थे, पर नक्सलियों के साथ खड़े थे। यहां आदिवासी ही आदिवासी की जान लेने को उतारू था।

भीड़ के बीच रस्सियों से बंधा शंकर बैठा हुआ था। उसकी धड़कनें तेज हो गईं थीं। उसे लगने लगा था कि अब कभी भी उसके जीवन का अंत हो सकता है। काले पर्दे के पीछे एक नक्सली माइक से शंकर पर लगाए गए आरोपों को एक-एक कर पढ़ रहा था। पर्दे की दूसरी ओर ग्रामीण, शंकर और उसके स्वजन थे।

वहीं, लगभग 100 मीटर की दूरी पर एक बड़ा नक्सली लीडर था, जिसके चारों ओर हथियारबंद 15 से 20 नक्सली तैनात थे। माइक लिए नक्सली ने कहा, सुरक्षाबल ग्रामीणों पर अत्याचार करते हैं और शंकर भी उन्हीं में से एक है, इसलिए उसे मौत की सजा देनी चाहिए।

शंकर ने गिड़गिड़ाते हुए कहा कि वह परिवार के लालन-पोषण के लिए सुरक्षाबल में भर्ती हुआ है। अब वह सुरक्षाबल की नौकरी छोड़ देगा। सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने भी शंकर को छोड़ने की अपील की। आखिरकार निर्णय शंकर के पक्ष में सुनाया गया और उसे छोड़ दिया गया, लेकिन एक बार फिर चेतावनी दी गई कि सुरक्षाबल की नौकरी छोड़ देना।

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