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12वीं की किताब से ‘गांधी की हिन्दू-मुस्लिम एकता’, ‘RSS पर बैन’ के जुड़े हिस्से हटाए गए

नई दिल्ली: NCERT के नए सेशन के लिए 12वीं की पॉलिटिकल साइंस की किताब से कुछ हिस्से हटा दिए गए हैं। जो हिस्से हटाए गए हैं, उनमें शामिल हैं-महात्मा गांधी की मौत का देश की सांप्रदायिक स्थिति पर असर, गांधी की हिन्दू-मुस्लिम एकता की अवधारणा ने हिन्दू कट्टरपंथियों को उकसाया, आरएसएस जैसे संगठनों पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध। कांग्रेस ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। उधर एनसीईआरटी ने दावा किया है कि इस साल पाठ्यक्रम में कोई काटछांट नहीं की गई। पाठ्यक्रम को पिछले साल जून में युक्तिसंगत बनाया गया था।


पिछले साल एनसीईआरटी ने गुजरात दंगों, मुगल दरबार, आपातकाल, शीत युद्ध, नक्सल आंदोलन के कुछ अंशों को पाठ्यपुस्तक से हटा दिया था। एनसीआरटी ने इसके लिए बाकायदा नोट जारी करके बताया था कि ये बदलाव सिलेबस को युक्तिसंगत बनाने के लिए किए गए हैं लेकिन उस नोट में महात्मा गांधी से जुड़े अंशों को हटाने के बारे में कोई जिक्र नहीं है। एनसीईआरटी की 12वीं की सामाजिक विज्ञान की किताब में 2002 के गुजरात दंगों के अंश नहीं हैं, हालांकि 1984 के सिख दंगों का उल्लेख है। 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े अंश क्लास 11 की सोश्यॉलजी की किताब से भी हटा दिए गए हैं।


चीजें बदल सकते हैं, इतिहास नहीं : कांग्रेस

कांग्रेस ने 12वीं कक्षा की एनसीईआरटी की किताब से कुछ संदर्भों को हटाए जाने को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का प्रयास करने वाले खुद इतिहास के कूड़ेदान में पहुंच जाते हैं। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बीजेपी और RSS जितना भी प्रयास कर लें, इतिहास बदलने वाला नहीं है। आप पुस्तकों में चीजों को बदल सकते हो, लेकिन इतिहास नहीं बदल सकते। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, प्रतिशोध की भावना के साथ इतिहास बदला जा रहा है।

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