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अडानी ग्रुप में मुसीबत का रिटेल इनवेस्टर्स ने उठाया फायदा, जानिए कितने शेयर खरीद डाले

नई दिल्ली: अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप (Adani Group) के बारे में एक निगेटिव रिपोर्ट जारी की थी। इससे ग्रुप के कंपनियों में एक महीने से भी अधिक समय तक भारी गिरावट आई थी। इस बिकवाली का फायदा उठाते हुए रिटेल इनवेस्टर्स ने अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी खरीदारी की। मार्च तिमाही में ग्रुप की दस लिस्टेड कंपनियों में से आठ में रिटेल इनवेस्टर्स (Retail investors) की हिस्सेदारी बढ़ गई है। इनमें ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) भी शामिल है। ग्रुप को दो कंपनियों एससीसी सीमेंट्स (ACC Cements) और अडानी पावर लिमिटेड (Adani Power Ltd.) का शेयरहोल्डिंग डेटा अभी बीएसई पर उपलब्ध नहीं है। सोमवार को ग्रुप के सभी शेयर तेजी के साथ बंद हुए थे और मंगलवार को भी अधिकांश शेयरों में तेजी देखी जा रही है। अडानी ग्रुप का कारोबार कई क्षेत्रों में फैला हुआ है।

रेगुलेटरी फाइलिंग्स के मुताबिक अडानी एंटरप्राइजेज में रिटेल शेयरहोल्डिंग दिसंबर के अंत में 1.86 फीसदी थी जो मार्च के अंत में 3.41 फीसदी पहुंच गई। इसी प्रकार अडानी पोर्ट्स (Adani Ports) में यह 2.86 फीसदी से बढ़कर 4.1 फीसदी, अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) में 1.06 फीसदी से बढ़कर 2.33 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) में 0.77 परसेंट से बढ़कर 1.36 फीसदी पहुंच गई है। दिसंबर के अंत में अडानी विल्मर (Adani Wilmar) में रिटेल शेयरहोल्डिंग 8.94 फीसदी थी जो मार्च के आखिर में 9.49 फीसदी पहुंच गई। इसी तरह अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas) में यह 1.55 फीसदी से बढ़कर 2.39 फीसदी, एनडीटीवी (NDTV) में 14.11 फीसदी से 17.54 फीसदी और अंबूजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) में 5.52 फीसदी से बढ़कर 7.23 फीसदी हो गई।

मल्टीबैगर बन सकते हैं शेयर

हिंडनबर्ग रिसर्च के रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमत के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए गए थे। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था। लेकिन इससे ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। निवेशकों और क्रेडिटर्स का भरोसा जीतने के लिए अडानी ग्रुप ने कई कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेची थी और रोड शो आयोजित किए थे। फरवरी में राजीव जैन की कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स इंक ने अडानी ग्रुप की चार कंपनियों में निवेश किया था। इससे ग्रुप की कंपनियों में रिटेल इनवेस्टर्स समेत सभी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। जैन का कहना है कि पांच में अडानी ग्रुप के शेयर मल्टीबैगर हो सकते हैं।

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