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भारत में अमेरिका के नए राजदूत एरिक गार्सेटी की नियुक्ति को सीनेट से मंजूरी, दो साल बाद तैनाती का रास्‍ता साफ?

वॉशिंगटन: अमेरिका ने भारत के लिए अपना राजदूत चुन लिया है। सीनेट की विदेश संबंध समिति ने 13-8 के वोटों से बुधवार को भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में एरिक गार्सेटी का नाम चुना है। एरिक गार्सेटी लॉस एंजलिस के पूर्व मेयर हैं। अमेरिकी राजदूत का पद भारत में लगभग दो साल से भी ज्यादा समय से खाली था। इतने लंबे समय से कोई भी राजदूत न होने को विशेषज्ञ दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास के तौर पर देख रहे थे। हालांकि इस प्रतिष्ठित राजनयिक पद के लिए जुलाई 2021 में राष्ट्रपति बाइडेन ने गार्सेटी को नोमिनेट किया था।


    वॉशिंगटन: अमेरिका ने भारत के लिए अपना राजदूत चुन लिया है। सीनेट की विदेश संबंध समिति ने 13-8 के वोटों से बुधवार को भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में एरिक गार्सेटी का नाम चुना है। एरिक गार्सेटी लॉस एंजलिस के पूर्व मेयर हैं। अमेरिकी राजदूत का पद भारत में लगभग दो साल से भी ज्यादा समय से खाली था। इतने लंबे समय से कोई भी राजदूत न होने को विशेषज्ञ दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास के तौर पर देख रहे थे। हालांकि इस प्रतिष्ठित राजनयिक पद के लिए जुलाई 2021 में राष्ट्रपति बाइडेन ने गार्सेटी को नोमिनेट किया था।

      वीजा का वेटिंग टाइम बढ़ा

      यंग ने कहा, ‘चीन को संतुलित करने के लिए, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत में राजदूत का होना हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों में है।’ वाइट हाउस ने गार्सेटी में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया और सीनेट से आग्रह किया कि उनके नामांकन को आगे बढ़ाया जाए। राष्ट्रपति जो बाइडेन के सत्ता में आने के बाद से ही एक लंबा समय ऐसा रहा है, जब भारत में अमेरिका का कोई राजदूत नहीं था। इस दौरान भारत से अमेरिका के लिए वीजा जारी करने में काफी देरी हुई। व्यापार और वीजा के लिए लोगों का वेटिंग टाइम दो साल तक का रहा है।


      फिर भी बरकरार रहे संबंध

      हालांकि अब प्रतीक्षा समय कम हुआ है। राजदूत न होने के बावजूद भी दोनों देशों के बीच संबंध बेहद एक्टिव रहे हैं। राष्ट्रपति बाइडेन ने हिंद प्रशांत रणनीति में क्वाड को प्राथमिकता दी है। इसके साथ ही बाइडेन ने कई बार पीएम मोदी से मुलाकात भी की है। गार्सेटी ने इस दौरान भारत की क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का वादा किया। साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर माइकल कुगलमैन ने कहा, ‘बाइडेन के भारत के लिए राजदूत को SFRC की मंजूरी मिल गई है। अब उन्हें केवल सीनेट के लिए वोट जीतने की जरूरत है। वोट कब होगा ये तय नहीं है। दो से ज्यादा साल तक कोई राजदूत न होने के बावजूद अमेरिका-भारत संबंध ठीक रहे हैं। लेकिन उनकी पुष्टि संबंधों को बढ़ावा देगी।’

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