सौरभ और रवि के बचाव का मोहरा तो नहीं शुभम? महादेव एप से जुड़े नए वीडियो को लेकर उठे सवाल

भिलाई। छत्तीसगढ़ में चुनावी माहौल के बीच महादेव ऑनलाइन सट्टा एप सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। इस बीच रविवार को सामने आए शुभम सोनी नामक व्यक्ति के वीडियो में उसके द्वारा खुद को महादेव एप का मालिक बताए जाने ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
शुभम महादेव एप के संचालकों के रूप में अब तक चर्चा में रहे सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को अपना कर्मचारी बता रहा है। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि सौरभ और रवि ने खुद के बचाव के लिए कहीं शुभम को मोहरा तो नहीं बनाया है, क्योंकि इन दोनों ने कुछ महीने पहले भी अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से विभिन्न जांच एजेंसियों को मेल करवाकर यह कहा था कि उनका महादेव एप से कोई लेना-देना नहीं है।
ईडी का दावा सीएम बघेल ने एप से लिए 508 करोड़ रुपये
ईडी के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने महादेव एप को ब्लॉक कर दिया है। बता दें कि ईडी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर महादेव एप के प्रमोटरों से 508 करोड़ रुपये लेने का दावा किया है। ईडी ने हाल ही में रायपुर और भिलाई में दबिश देकर छह करोड़ रुपये जब्त किए थे। यह रुपये विधानसभा चुनाव में खर्च करने के लिए सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल द्वारा दुबई से भेजे जाने की चर्चा है।
मुख्यमंत्री बघेल ने दुबई जाने की सलाह दी- शुभम
इस मामले में भिलाई निवासी ड्राइवर असीम दास और हेड कांस्टेबल भीम सिंह ठाकुर को गिरफ्तार किया गया है। दोनों ईडी की रिमांड पर हैं। ईडी की जांच का दायरा बढ़ने के बाद रविवार को शुभम सोनी का वीडियो सामने आया। शुभम खुद को महादेव एप का मालिक बताने के साथ ही वीडियो में यह भी कह रहा है कि मुख्यमंत्री बघेल ने ही उसे दुबई जाने की सलाह दी थी। वह सीएम बघेल को 508 करोड़ रुपये भी दे चुका है।
सवालों के घेरे में वीडियो की विश्वसनीयता
हालांकि, इस चौंकाने वाले वीडियो की विश्वसनीयता अब तक सवालों के घेरे में है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि वह शुभम सोनी नाम के किसी भी व्यक्ति को नहीं जानते। संदेह पैदा कर रहीं वीडियो में कही बातें वीडियो में शुभम ने वर्ष 2021 में महादेव एप शुरू करने की बात कही है, जबकि महादेव एप का संचालन 2020 से होने की शुरू से चर्चा है।
सौरभ और रवि को शुभम ने दुबई में कंस्ट्रक्शन का काम करने वाला बताया है। साथ ही कहा है कि दुबई जाने के बाद उसने सौरभ और रवि को अपना कंस्ट्रक्शन एडवाइजर बनाया था, जबकि लंबे समय से सौरभ और रवि का नाम महादेव एप के साथ जुड़ा हुआ है।