खेल

स्टोक्स बोले- टी-20 लीग की लोकप्रियता टेस्ट के लिए खतरा:लेकिन, 22 साल में टेस्ट में गिरावट 6%, टी-20 शुरू होने के बाद 397 गुना बढ़े

इंग्लैंड टेस्ट क्रिकेट टीम के कप्तान बेन स्टोक्स ने दुनिया में क्रिकेट संचालित करने वाली संस्था इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के ऊपर टेस्ट शेड्यूलिंग पर ध्यान नहीं देने के आरोप लगाए हैं।

31 साल स्टोक्स ने दुनिया में लगातार बढ़ रही टी-20 लीग की लोकप्रियता को टेस्ट क्रिकेट के अस्तित्व के लिए खतरा बताया है। इस बयान ने फिर ‘T20 लीग VS टेस्ट’ की चर्चा को हवा दे दी है। स्टोक्स ने बिजी शेड्यूल का भी मामला उठाया। आपको याद दिला दें कि स्टोक्स ने जुलाई माह में वनडे से यह कहते हुए संन्यास ले लिया था कि बिजी शेड्यूल के बीच मेरी फिटनेस जवाब दे रही है।

इस स्टोरी में हमने जाना क्या वाकई में टी-20 लीग टेस्ट को प्रभावित कर रही हैं। इसके लिए हमने पिछले दो दशकों में तीनों फॉर्मेट के मैचों का डेटा खंगाला और लीग आने से पहले और बाद के ट्रेंड देखे। हमने पाया- ‘लीग आने के बाद टेस्ट मैचों की संख्या में 6% की गिरावट आई। जबकि टी-20 इंटरनेशनल मैच 2005 के बाद से 397 गुना तक बढ़ गए। हां, अब टेस्ट के परिणाम निकलने की संख्या भी बढ़ी है।’ इस मसले पर हमने बतौर भास्कर एक्सपर्ट भारत को 1983 वर्ल्ड कप जिताने वाले गेंदबाज मदन लाल की राय भी ली। जो आप स्टोरी में आंगे पढ़ेंगे।

उससे पहले संक्षिप्त में जानिए बेन स्टोक्स ने कहा-

‘दुनिया में टी-20 लीग की बढ़ती लोकप्रियता टेस्ट के अस्तित्व को खतरे में डाल रही है। टेस्ट शेड्यूल पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता, जितना देना चाहिए। दुनिया में बहुत ज्यादा ही क्रिकेट हो रहा है। टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के ठीक बाद ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड में वनडे सीरीज हो गई। वह आयोजन क्या समझदारी भरा था, जबकि सीरीज की अहमियत कम थी। उसे सिर्फ एंटरटैनमेंट के कारण आयोजित किया गया। फैंस भी टेस्ट की जगह नए फॉर्मेट और फ्रेंचाइजी आधारित प्रतियोगिताओं को महत्व दे रहे हैं। बाकी टेस्ट प्लेइंग नेशंस को भी टेस्ट क्रिकेट को रोचक बनाने के लिए आक्रामक क्रिकेट खेलना चलना चाहिए। इसे लोकप्रिय बनाने के लिए ICC को भी प्रयास करने हेंगे। हर दिन को मनोरंजक बनाने पर ही ध्यान देना चाहिए।’

2003 में पहली टी-20 लीग, 2008 में पहली प्रोफेशनल लीग
दुनिया की पहली टी-20 लीग इंग्लैंड की T20 ब्लास्ट को कहा जाता है। इसकी शुरुआत 2003 में हुई थी। हालांकि, यह ECB (इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड) का घरेलू टूर्नामेंट है। फ्रेंचाइजी बेस पहली प्रोफेशनल लीग भारत में 2008 में शुरू हुई। जिसे इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के नाम से जाना जाता है।

टी-20 लीग आने से पहले टेस्ट क्रिकेट कल्चर जानने के लिए हमने साल 2000 के टेस्ट आंकड़े खंगाले। उस साल सभी टीमों ने 92 टेस्ट मैच खेले। इनमें से 68 के रिजल्ट निकले। जबकि 24 मैच ड्रॉ रहे। 2022 में लीग क्रिकेट की बाढ़ आने के बाद टेस्ट मैचों की संख्या घटकर 86 हो गई। यानी कि करीब 6% की गिरावट। वहीं, 2003 में T20 ब्लास्ट शुरू होने के बाद 17 फरवरी 2005 को पहला टी-20 इंटरनेशनल खेला गया। उस साल 4 टी-20 खेले गए थे। जबकि 2022 में 792 टी-20 इंटरनेशनल खेले जा चुके हैं। इस हिसाब से पिछले 17 साल में टी-20 इंटरनेशनल में 397 गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। टीमों की संख्या भी बढ़ी है। 2005 में 8-10 टीमें टी-20 खेलती थीं। 2022 तक 85 से ज्यादा टीमें क्रिकेट के छोटे फॉर्मेट को खेलती हैं।

मैचों में गिरावट नहीं, लेकिन टेस्ट के परिणाम बढ़े
हमने पाया कि लीग आने के बाद टेस्ट मैचों की संख्या में कुछ खास गिरावट नहीं आई है। लेकिन, टी-20 क्रिकेट आने से टेस्ट क्रिकेट और भी रोचक हो गया है। अब रिजल्ट ज्यादा निकलने लगे हैं। नीचे दिए ग्राफिक में नजर डालें तो हम पाते हैं कि 2000 में 92 मैच खेले गए हैं, जबकि दुनिया भर में चल रही टी-20 लीगों के बीच 2022 में 86 टेस्ट मैच खेले गए हैं। यानी कि सिर्फ 6 फीसदी की गिरावट। जबकि 17 फरवरी 2005 को पहले टी-20 मैच के बाद फटाफट क्रिकेट के मुकाबले में 397 गुना की बढ़ोतरी हुई।

परिणामों की बात करें तो साल 2000 में 92 में से 68 टेस्ट मैचों के परिणाम सामने आए थे। जबकि 24 ड्रॉ रहे थे। यानी कि टेस्ट मैचों के रिजल्ट और ड्रॉ का प्रतिशत क्रमश: 73.91 और 26.08 रहा था। जो 2022 में बढ़कर 86.04 और 13.95 हो गया है। साल 2022 में अब तक खेले कुल 86 मैचों में से 74 के रिजल्ट निकल चुके हैं। जबकि 12 ही मैच ड्रॉ रहे। इनमें साउथ अफ्रीका-ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान-न्यूजीलैंड के बीच जारी बॉक्सिंग-डे टेस्ट को शामिल नहीं किया गया है।

22 साल में 3 गुना बढ़ गए इंटरनेशनल मैच

2000 के बाद के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 22 वर्षों में इंटरनेशनल मैचों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान इंटरनेशनल मैचों की संख्या 3 गुना बढ़ गई है। नीचे दिए ग्राफिक में देखेंगे तो आप पाएंगे कि साल 2000 में 354 इंटरनेशनल मैच खेले गए थे। इनमें 92 टेस्ट और 262 वनडे थे। वहीं, साल 2022 में 1200 मैच आयोजित हुए हैं। इनमें 792 टी-20 फॉर्मेट के थे।

एक्सपर्ट बोले- टी-20 लीग से टेस्ट को खतरा नहीं
‘मुझे नहीं लगता है कि टी-20 लीग से टेस्ट को कोई खतरा है। हां, टी-20 जरूर रहने वाली है। इस साल इंग्लैंड ने जिस अटैकिंग अप्रोच के साथ टेस्ट क्रिकेट खेला, उसने इस अप्रोच का एक ट्रेंड सेट किया है। मैं तो यह कहूंगा कि इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा दिया है। टी-20 में मनोरंजन है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट देखने वाले टेस्ट देखते ही हैं।’

तो क्या क्रिकेट का बिजी शेड्यूल खिलाड़ियों की मेंटल और फिजिकल फिटनेस पर असर कर रहा है?…इस सवाल पर एक्सपर्ट कहते हैं- ‘बिल्कुल करता है, अब क्रिकेट मैच ज्यादा हो गए हैं। यदि प्लेयर को लगता है कि वो मेंटली या फिजकली थके हुए हैं तो आप ब्रेक ले सकते हैं। फिर ब्रेक से वापसी भी कर सकते हैं। इसमें कोई बुराई नहीं है। खिलाड़ी को शेड्यूल के हिसाब से खुद मैनेज करना पड़ेगा, क्योंकि यह प्रोफेशनल क्रिकेट है। आपको खेलने के लिए ही पैसा दिया जा रहा है।’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button