देश

CJI क्या बने, हमें टाइम ही नहीं देते पापा… शिकायत पर बेटियों को काम दिखाने सुप्रीम कोर्ट ले आए जस्टिस चंद्रचूड़

नई दिल्ली: क्या पापा! जब से देश के प्रधान न्यायाधीश बने हैं, तब से हमें बहुत कम वक्त देने लगे। जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की दोनों बेटियां लगातार शिकायत कर रही थीं। देशभर से गंभीर मुकदमों को निपटाने वाले जस्टिस चंद्रचूड़ बेटियों की शिकायतों का ही समाधान नहीं कर पा रहे थे। वो बेटियों को समझाते कि अब काम बढ़ गया है, इसलिए कम वक्त मिल पाता है। लेकिन शिकायतें कम नहीं हो रही थीं। फिर पिता को लगा कि इन्हें दिखाना जरूरी हो गया है कि पद बढ़ने के बाद जिम्मेदारी कितनी बढ़ गई है, इसलिए दोनों बेटियों को ले आए सुप्रीम कोर्ट। माही और प्रियंका शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय पहुंचीं।

पिता का रुतबा देखा, काम के बोझ का भी अहसास किया

जस्टिस चंद्रचूड़ सुबह करीब 10 बजे अदालत परिसर पहुंचे और आगंतुक गैलरी से होते हुए बेटियों को अपने अदालत कक्ष (अदालत संख्या एक) ले गए और उनसे कहा, ‘देखिए, मैं यहीं बैठता हूं।’ सूत्रों ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश बेटियों को अपने वर्क प्लेस के बारे में बताते हुए अपने कक्ष में ले गए और उन्हें वह स्थान दिखाया जहां जज बैठते हैं और जहां से वकील अपने मामलों की पैरवी करते हैं। माही और प्रियंका जैसे ही अपने पिता के चैंबर में पहुंचीं, वहां का नजारा देखकह हैरान हो गईं। रजिस्ट्रारों की फौज विभिन्न प्रशासकीय मामलों पर सीजेआई से निर्देश लेने को तैनात थी। दोनों बेटियों ने पिता का चैंबर देखा जिसमें एक बड़ा सा दफ्तर, दो छोटे-छोटे कमरों से सटा है। यह चैंबर सीजेआई के कोर्ट रूम के ठीक पीछे है।

गोद ली हुई हैं दो दिव्यांग बेटियां

सीजेआई चंद्रचूड़ ने 10.30 बजे अपना काम शुरू करने से पहले जब व्हील चेयर पर बेटियों को वकीलों के प्रवेश द्वार से कोर्ट रूम ले गए, सभी दंग रह गए। उस वक्त जस्टिस चंद्रचूड़ साधारण पोशाक में थे। उन्होंने दोनों बेटियों को दिखाया कि वो कहां से मुकदमों की सुनवाई करते हैं। जजों की बैठने की डायस के सामने फाइलों और इलेक्ट्रॉनिक टैब्स लिए वकीलों की भीड़ देख माही और प्रियंका फिर हैरान हुईं। उन्हें पता चल गया कि 9 नवंबर से पापा पर काम का बोझ सच में बढ़ गया है। उसी दिन जस्टिस चंद्रचूड़ देश के 50वें प्रधान न्यायाधीश की जिम्मेदारी संभाली थी। वो दो वर्ष तक इस पद पर रहेंगे और 10 नवंबर, 2024 को रिटायर हो जाएंगे। उनके पिता जस्टिस यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ (Justice YV Chandrachud) 16वें सीजेआई थे। उनके नाम 7 साल पांच महीने तक भारत के प्रधान न्यायाधीश के पद पर रहने का रिकॉर्ड दर्ज है। जस्टिस चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी कल्पना गोद ली हुईं दोनों बेटियों माही और प्रियंका पर जान छिड़कते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button