जब अटल जी की कही बात बन गई पत्थर की लकीर, ‘आप 11 सांसद दीजिए, मैं छत्तीसगढ़ दूंगा…’

रायपुर। राज्य में चुनावी तैयारियां जोरों पर हैं… वर्ष 1999, मकर संक्रांति का वह दिन जब भारतरत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने रायपुर के सप्रेशाला मैदान से चुनावी हुंकार भरी थी। हजारों की भीड़ में उन्होंने कहा था कि आप मुझे 11 सांसद दीजिए मैं आपको छत्तीसगढ़ राज्य दूंगा….।
तब किसी को अंदाजा नहीं था कि अटल जी का यह वाक्य छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में पत्थर की लकीर बन जाएगा। यूं तो छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए लंबे समय से आंदोलन चल रहा था, लेकिन ऐसा कोई सशक्त नेतृत्व नहीं मिला, जो राज्य निर्माण की संकल्पना को पूरा कर सके।
आवाज का हुआ था असर
भाजपा के वरिष्ठ नेता डा. सच्चिानंद उपासने ने बताया कि अटल जी के चुनावी सभा में इस आवाज का इतना असर हुआ कि 11 में से 10 सीटें भाजपा को मिली। 31 जुलाई सन 2000 को लोकसभा और 9 अगस्त सन 2000 को राज्यसभा में छत्तीसगढ़ निर्माण के प्रस्ताव पर मुहर लगी।
फिर 4 सितंबर सन 2000 को भारत सरकार के राजपत्र में उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ राज्य गठन की अधिसूचना प्रकाशित हुई। अटल जी ने इस चुनावी सभा में कहा था कि छत्तीसगढ़ राज्य का गठन तो आजादी के बाद हो जाना चाहिए था। एक घंटे के भाषण में उन्होंने कई बार छत्तीसगढ़ के वैभव का बखान किया। खनिज संपदा और संभावनाओं से भरपूर छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति की उन्होंने खूब तारीफ की।
उपासने ने बताया कि सन 2002 में जब अटल बिहारी प्रधानमंत्री बने तब बीटीआइ मैदान में उन्होंने बड़ी सभा को संबोधित किया। इस मंच के संचालन की जिम्मेदारी मुझे मिली थी। इस मंच से उन्होंने कार्यकर्ताओं की तारीफ करते हुए छत्तीसगढ़ की जनता को शुभकामनाएं दी।
उन्होंने प्रदेश में तीन विश्वविद्यालयों की नींव रखी, जिसमें कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि, स्वामी विवेकानंद तकनीकी विवि दुर्ग आर पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त विवि बिलासपुर शामिल हैं। मुझे वह दिन याद आता जब सन 1978 में दिल्ली में मैंने अटल जी के साथ आधे घंटे का समय बिताया था।
तब मैंने मा्ता जी की टिकट के बारे में चर्चा की थी। उन्होंने कहा था कि आप काम करिए टिकट की चिंता छोड़ दीजिए। अटल जी का छत्तीसगढ़ का गहरा रिश्ता था। आज भी जनता उन्हें याद करती हैं।