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कच्ची उम्र में ये आइडिया, सुन कर रह जाएंगे हैरान! तभी तो मिला लाखों का पुरस्कार

नई दिल्ली: आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थी से आप क्या उम्मीद कर सकते हैं? आप कहेंगे यह उम्र तो खाने और खेलने की है। लेकिन इसी उम्र में किसी के मन में प्रकृति को बचाने का आइडिया हो और वह उसका प्रोटोटाइप भी तैयार कर दे तो? आप वाह वाह कह उठेंगे। ऐसा ही कुछ किया है वीवो इग्नाइट के प्रतिभागियों ने। इसमें पुरस्कार पाने वाले एक बच्चे ने ऐसा यंत्र बनाया है जो कि मोटर ड्राइवर को ड्यूटी के दौरान झपकी लेने से रोकता है। तभी तो इस बच्चे को चार लाख रुपये का पुरस्कार मिला है।

कहां आया ऐसा आइडिया

स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी वीवो ने हाल ही में वीवो इग्नाइट (vivo Ignite) के नाम से साइंस और इनोवेशन अवार्ड्स (Science and Innovation Awards) का आयोजन किया था। इसमें देश भर के स्कूलों में 8वीं से 12वीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चे शामिल हुए थे। उनमें से चुनिंदा बच्चों को 25 लाख रुपये का पुरस्कार मिला। इन बच्चों को केंद्र सरकार के साइंस एंड टेक्नोलोजी मंत्रालय के तहत काम करने वाले सीएसआईआर के चीफ साइंटिस्ट राजेंद्र प्रसाद सिंह ने पुरस्कृत किया था। सर्वश्रेष्ठ आडिया देने वाले बच्चे को पांच लाख रुपये मिले थे। पुरस्कार की सबसे कम राशि 75 हजार रुपये की थी।

कैसे कैसे आइडिया

इस दौरान अनंदिता श्रीधर नामक बच्चे ने सड़क दुर्घटना को कम करने का उपाय बताया था। उसने इस बारे में एक प्रोटोटाइप भी तैयार किया था। इस उपकरण को यदि मोटर वाहन में लगा दिया जाए तो ड्राइवर को झपटी नहीं आएगी। उल्लेखनीय है कि भारत में जितनी सड़क दुर्घटना होती है, उसमें से 20 फीसदी का कारण ड्राइवर को झपकी आना होता है। एक साल में लभगग एक लाख सड़क दुर्घटना ड्राइवर को झपकी आने की वजह से होती है। इसमें से करीब 1500 लोगों की जान चली जाती है जबकि 40,000 लोग अपंग हो जाते हैं। जिस बच्चे ने यह इस आइडिया का प्रोटोटाइप तैयार किया, उसे चार लाख रुपये का अवार्ड मिला है।

रीयूज करने वाला एलईडी बल्ब एवं ट्यूब

हमारे आपके घरों में एलईडी बल्ब और ट्यूब लाइट तो लगे ही होंगे। आपने कभी गौर किया है कि जब ये खराब होते हैं तो पूरा का बल्ब या ट्यूब लाइट बदलना पड़ता है। आदित्य चोपड़ा नाम के एक बच्चे ने आइडिया दिया है रीयूज करने वाले एलईडी बल्ब और ट्यूब लाइट का। इसमें बल्ब या ट्यूबलाइट का बेस फिक्स रहता है और खराब होन पर उसका उपरी हिस्सा निकाल कर दूसरा लगा दिया जाता है। इस आइडिया और उसका प्रोटोटाइप बनाने के लिए बच्चे तो तीन लाख रुपये का अवार्ड मिला है।

समुद्र में तेल का रिसाव हुआ तो दिक्कत नहीं

अमुदु एस नामक बच्चे ने मेरिमो नाम के ऑयल स्पिल होने पर इको फ्रेंडली मैकेनिज्म का आइडिया और प्रोटोटाइप पेश किया था। यह आडिया क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग को कम करने वाला था। इसके लिए बच्चे को पांच लाख रुपये का अवार्ड मिला।

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