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90 रुपये की च्युइंग गम के लिए देने होंगे 108 रुपये, विदेश में क्रेडिट कार्ड से खरीदारी का पूरा गणित समझिए

नई दिल्ली: ट्रेवल इंडस्ट्री की प्रोफेशनल नेहा शर्मा (बदला हुआ नाम) परेशान हैं। उन्होंने दो से 14 जुलाई तक पेरिस, रोम और Amalfi Coast में परिवार के साथ छुट्टियां बिताने की योजना बनाई थी और इसके लिए अपने क्रेडिट कार्ड के जरिए रिजर्वेशन कराया था। वह हर साल पर्सनल और प्रोफेशनल काम के लिए कम से कम तीन से चार बार विदेश जाती हैं। उन्हें इंटरनेशनल ब्रांड्स खरीदने का भी शौक है। वह विदेश में अपने खर्च का करीब 80 फीसदी हिस्सा क्रेडिट कार्ड से पे करती हैं। अचानक सरकार के एक फैसले से उन्हें 20 फीसदी अधिक पैसा खर्च करना पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि सरकार ने विदेश में क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले खर्च पर 20 फीसदी टीसीएस (TCS) काटने का फैसला किया है। इस साल के बजट में विदेशी टूर पैकेज एवं लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत विदेश भेजे गए पैसे पर टीसीएस को पांच फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा गया था। नई कर दर एक जुलाई से प्रभावी होगी।


हालांकि नेहा शर्मा टीसीएस पर क्रेडिट क्लेम कर सकती हैं लेकिन इससे उनका कैश फ्लो प्रभावित होगा। उन्होंने कहा, ‘जुलाई में होलिडे का सीजन पीक पर होता है। मैंने पहले ही फ्लाइट्स के लिए ज्यादा पैसे दिए हैं क्योंकि अभी काफी भीड़भाड़ है। मैंने होटल में बुकिंग के लिए अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हुए बुक नाउ, पे लेट ऑप्शन चुना है।’ शर्मा की तरह कई लोग इस बात को लेकर कनफ्यूज हैं कि अगली विदेश यात्रा में उन्हें कितने पैसे खर्च करने पड़ेंगे। इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड पर 20 फीसदी टीसीएस की व्यवस्था एक जुलाई से शुरू होगी।


एक साल लिए फंस जाएगा पैसा

ट्रेवल इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि सरकार के इस कदम से ओवरसीज टूर पैकेजेज पर असर होगा। Outbound Tour Operators Association of India (OTOAI) के प्रेजिडेंट रियाज मुंशी ने कहा कि इससे विदेश यात्रा पर असर होगा क्योंकि टैक्स रिफंड में टाइम लगेगा। लोगों का फंड एक साल तक टीसीएस में ब्लॉक हो जाएगा। इससे लोग को मुश्किल होगी। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को क्रेडिट कार्ड के बजाय दूसरे चैनल्स का इस्तेमाल करने के लिए उत्साहित कर रही है। इंडस्ट्री ने मार्च में ही सरकार को बता दिया था कि टीसीएस को 20 फीसदी करने से ट्रैवलर्स की मुश्किलें बढ़ेंगी।


EaseMyTrip के को-फाउंडर Rikant Pittie ने कहा कि नई व्यवस्था से विदेश जाने वाले लोगों की लागत 20 फीसदी बढ़ जाएगी। लेकिन अच्छी बात यह है कि वे टैक्स रिटर्न भरते समय क्रेडिट क्लेम कर सकते हैं। Federation of Associations in Indian Tourism & Hospitality (FAITH) के कंसल्टिंग सीईओ आशीष गुप्ता ने कहा कि विदेश जाने वाले यात्रियों पर किसी भी तरह के बदलाव का असर देश में आने वाले यात्रियों पर भी होगा। हमारी टैक्स पॉलिसीज इनक्लूजिव होनी चाहिए लेकिन साथ ही डिमांड एंड सप्लाई का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। STIC Travel Group के चेयरमैन सुभाष गोयल ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि इस तरह के कदमों से सरकार ट्रैवल और टूरिज्म को हतोत्साहित करना चाहती है।

क्या है बदलाव

फाइनेंस मिनिस्ट्री ने मंगलवार को इस बारे में एक नोटिफिकेशन जारी कर फेमा कानून में संशोधन किए जाने की जानकारी दी थी। एलआरएस को शामिल करने के बाद अब 2.5 लाख डॉलर से अधिक मूल्य की फॉरेन करेंसी के रेमिटेंस के लिए आरबीआई की मंजूरी लेनी जरूरी होगी। इससे पहले तक
विदेश यात्रा के दौरान खर्चों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से किए गए भुगतान एलआरएस के दायरे में नहीं आते थे। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने आरबीआई के साथ परामर्श के बाद जारी नोटिफिकेशन में फेमा कानून, 2000 की धारा सात को हटा दिया है। इससे विदेश में अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से किया जाने वाला भुगतान भी एलआरएस के दायरे में आ गया है।

मंत्रालय ने बारे में एफएक्यू की एक लिस्ट जारी की है। उसने कहा कि एलआरएस के तहत डेबिट कार्ड से किए गए भुगतान पहले ही शामिल थे लेकिन क्रेडिट कार्ड से विदेश में किए गए खर्च इस सीमा में नहीं आते थे। इसकी वजह से कई लोग एलआरएस सीमा को पार कर जाते थे। विदेश पैसे भेजने की सुविधा देने वाली कंपनियों से मिले आंकड़ों से पता चला कि 2.50 लाख डॉलर की मौजूदा एलआरएस सीमा से अधिक खर्च की अनुमति वाले अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड जारी किए जा रहे हैं। मंत्रालय के मुताबिक, आरबीआई ने भी कई बार सरकार को पत्र लिखा था कि विदेश में डेबिट एवं क्रेडिट से किए जाने भुगतान को लेकर अलग-अलग व्यवस्था खत्म की जानी चाहिए।


विदेश यात्रा में कैसे बढ़ेगा बोझ

मान लीजिए अप यूरोप की यात्रा पर जाते हैं और चूइंग गम को एक पैक खरीदते हैं। इसकी कीमत एक यूरो यानी 90 रुपये पड़ती है। आप क्रेडिट कार्ड से इसका भुगतान करते हैं। रात को जब आप अपना ट्रांजैक्शन देखते हैं तो आपको पता चलता है कि आपको 18 रुपये ज्यादा देने पड़े हैं। यही टीसीएस है। इसी तरह अगर आप विदेश में क्रेडिट कार्ड से तीन लाख रुपये की पेमेंट करते हैं तो आपको 60,000 रुपये का टीसीएस देना होगा। आप बाद में इसके लिए क्लेम कर सकते हैं लेकिन कुछ समय के लिए आपका यह पैसा ब्लॉक हो जाएगा। फाइनेंशियल ईयर 2023 में अप्रैल और फरवरी के बीच भारतीयों ने विदेश में 90,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। यह पिछले साल के मुकाबले 100 फीसदी ज्यादा है। अगर इस पर 20 परसेंट टैक्स लगता तो सोचिए यह कितनी बड़ी राशि होती।

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