उत्तर प्रदेशक्राइम

सभी साक्ष्य साबित करेगें धारा 307,506 का मुकदमा सुनियोजित/फर्जी,स्थानीय विरोधी भी संलिप्त,दोषी पाए जाने पर हो दंडात्मक कार्यवाही :- फूलचंद कश्यप।

पूर्व में भी मिश्रीलाल ने फर्जी मुकदमों में फसाया,अदालत ने किया दोषमुक्त।

 

*मिश्रीलाल की कहानी,फूलचंद की जुबानी*

पूर्व सांसद का कराया समझौता तोड़ा, आर्थिक वसूली का मुक़दमा दर्ज कराने का परिणाम,पुनः सुनियोजित धारा 307,506 का फर्जी मुकदमा।

बांदा दिनांक 11 अगस्त 2023 को ग्राम बड़ा गांव थाना पैलानी के अंतर्गत हुए गोलीकांड के संबंध में निर्दोष फसाए गए फूलचंद कश्यप,अजय कश्यप,आशीष कश्यप ने मिश्रीलाल के द्वारा दर्ज कराया गया फर्जी मुकदमा के बारे में अपना पक्ष रखते हुए स्पष्ट किया कि मिश्रीलाल कश्यप सन 2006 में हमारे गोवा के कुर्लिम स्थित ऑफिस में आया था और हमसे कहा कि आप मुझको पैसे की मदद करो,मैं आपको माल की सप्लाई करूंगा।
उसके बाद में मिश्रीलाल ने काम चालू कर दिया और धीरे-धीरे सप्लाई के पेमेंट के साथ- साथ थोड़ा-थोड़ा एडवांस दे के मदद  भी की। क्योंकि इससे हमारे परिवारिक संबंध भी थे। काम बहुत अच्छे से चलता रहा। जैसे-जैसे इसका माल हमारे पास आता, वैसे इसको पेमेंट करते थे। मिश्रीलाल हमसे एडवांस पेमेंट भी लेता था। इससे अच्छे संबंध होने की वजह से ज्यादा पूछ-ताछ नहीं करते थे। फिर ऐसे ही हमारा काम चलता रहा।
एक दिन मिश्रीलाल ऑफिस में आया और कहने लगा कि मुझको पैसों की दिक्कत है मुझे और एडवांस चाहिये। मैंने कहा कि तुम्हारे पास मेरा 2-3 लाख हमेशा एडवांस रहता है मेरा व्यापार और भी लोगो से चलता है,मैं तुमको और एडवांस नहीं दे सकता। मिश्रीलाल ऑफिस से चला गया।
फिर 5-6 दिन के बाद वापस आया और फिर कहने लगा कि आपकी वजह से बहुत अच्छा चल रहा है,आपने हमेशा मेरी मदद की है। आप मेरी एक और मदद कर दो, बैंक से 10 लाख का लोन करवा दो। मैंने कहा कि मेरी बैंक में कोई पहचान नही है। अपने माल का पेमेंट ले के चला गया।फिर 2-3 दिन के बाद वापस आया और कहा कि मैं दीनदयाल क्रेडिट सोसाइटी फोंडा से लोन ले रहा हूं। आप गारंटर बन जाईऐ अच्छे संबंध होने के कारण गारंटर बनने के लिए स्वीकार किया।मिश्रीलाल के द्वारा दीनदयाल क्रेडिट सोसायटी फोडा से 10 लाख का लोन मेरे गारंटी  पर लिया गया।
उसके बाद जो भी इसका माल आता था हम उसका तुरंत पैसा दे देते थे। फिर भी हमेशा इसके ऊपर हमारा एडवांस ही रहा।
मिश्रीलाल ने (बांदा UP) में जसपुरा ब्लॉक से 2010 में ब्लॉक प्रमुख पद के लिए चुनाव लड़ा,उसमें इसकी जीत हुई। ये जसपुरा ब्लॉक का प्रमुख बन गया। फिर ये अध्यक्ष बनने के बाद वापस कोरलिम ऑफिस आया और मुझसे कहने लगा कि मैं बोरी फोडा के  इलाके में रहता हूँ, वहाँ मेरी जानने वाले का प्लॉट बिक रहा है तो आप ले लीजिए,थोड़ा सस्ता मिल जाएगा। मैंने उसको मना कर दिया,मेरे पास काम के लिए पैसे कम पड़ रहे थे। पुनः ये हमारे पास कुछ दिन के बाद वापस आया। फिर कहने लगा कि प्लॉट बहुत अच्छा है और उसको थोड़ा-थोड़ा करके पैसा देना है।मैंने खरीदने की स्वीकृति दी,अगर होता है तो थोड़ा-थोड़ा पैसा दे के रजिस्टरी कर लेंगे। मेरे पास एक साथ पैसा नही हो पायेगा,मै थोड़ा थोड़ा पैसा देता रहा और धीरे धीरे मैंने इसको 19 लाख का पेमेंट पहुँचा दिया। फिर इसके बाद मैंने कहा कि प्लॉट के रजिस्टर्ड  पेपर बनवा दो,शेष जो पैसा होगा दे देंगे।
मेरी ऑफिस में बहुत काम है, गांव भी जाना है। मैं वापस आकर के पूरा पेपर बनवा दूंगा ऐसा कह कर टाल दिया, मैने 9 लाख रुपये का पेमेंट दिया था तो रजिस्टर्ड पेपर कराना मेरा हक बनता है ।
धीरे-धीरे मिश्रीलाल मुझसे कम बात करने लगे। वक्त टालते रहे,फिर मैंने इससे मेरा 9 लाख रुपया वापस मांगना शुरू कर दिया। तो मुझसे गुस्से में बात करने लगा। मैंने इसको बहुत समझाया। मेरा 2.34,595/- व्यापारिक एडवांस भी था इसके बाद ये बांदा जनपद के गांव में पैलानी थाना में मेरे खिलाफ झूठी FIR करने गया,लेकिन थाना अध्यक्ष ने कहा कि पहले सबूत लेके आईये क्या मामला है आप लोगों का। मिश्री लाल ने कहा कि मैंने फूलचंद को 38 लाख रुपये दिए हैं, जमीन के लिए बांदा में। फूलचंद ना तो हमें पैसा दे रहा है और ना ही जगह दे रहा है। थाना अध्यक्ष ने कहा कि 38 लाख जो आपने दिया है उसका सबूत लेके आईये,फिर मै फूलचंद को बुलाता हूँ और दोनों की बात समझता हूँ। यदि फूलचंद आपका पैसा नही देगा तो में उस पर कार्यवाही करूँगा। ये थाना अध्यक्ष की बात सुनकर उनके पास से उठकर गुस्से से चला गया। जिला न्यायालय  बांदा में 156/3 के तहत 38 लाख का मुकदमा मेरे ऊपर किया। अपने साथी सत्यप्रकाश चमार के द्वारा 156/3 के तहत मुझ पर एक और मुकदमा करवाया।पुलिस ने दोनों मुकदमों की जांच की और झूठा मुकदमा पाए जाने पर बांदा न्यायालय की तरफ से दोनों मुकदमे रद्द कर दिए गए। पुनःअपने 9 लाख रुपये के लिए ओल्ड गोआ पुलिस स्टेशन में F.I.R. किया। और पुलिस ने इसको गिरफ्तार किया और 5 दिन जेल में रखा और 15 दिन नजर कैद किया  मुकदमा चलता रहा।
2017 में हमारे एक रिश्तेदार हमारे घर आये जो कि UP में राज्यसभा सांसद थे। वो हमारे घर पर 4- 5 घंटे रुके। सांसद जी ने मुझसे कहा कि फूलचंद मैं एक अपना आदमी भेजता हूँ बांदा से,बात करके और समझकर के इस मुकदमे पर समझौता कर लो।
सांसद जी ने एक आदमी भेजा बांदा से मिश्रीलाल ने मुझको थोड़ा-थोड़ा पैसा देने की बात की और ऐसी गलती कभी नहीं करूंगा, मुझसे भूल हो गयी. मुझे माफ कर दो। हमारा 2017 में समझौता हुआ,और मै इससे थोड़ा-थोड़ा पैसा माँगता रहा, पर ये टालता रहा,मेरा पैसा अभी तक नहीं दिया।
तीन वर्ष बाद 2020 में मालूम पड़ा कि मिश्रीलाल मुझे गाली गलौज करता है। और गांव, घर, क्षेत्र और जिले में हर जगह कहने लगा कि फूलचंद मेरा 3 करोड़ नही दे रहा है।
उसके बाद मेरे द्वारा मिश्रीलाल पर मानहानि का मुकदमा बांदा न्यायालय में दायर किया गया।
मानहानि मुकदमा संख्या सं0- 3236/2021, JO CODE: UP2214, CNR No UPBD0403095
-2021
मिश्रीलाल को प्लाट के लिए दिए गए (उपरोक्त पेमेंट का विवरण पणजी कोर्ट गोआ में भी दिया गया है)

पुनः वैधानिक कार्यवाही वसूली के लिए न्यायलिय नोटिस भेजा गया परिणामत: मिश्रीलाल के द्वारा सुनियोजित घटना को अंजाम देकर फूलचंद,आशीष,अजय पर हत्या के प्रयास का फर्जी मुकदमा पंजीकृत कराया गया, जिला प्रशासन पर दबाव बनाने की नियत से धरने पर भी बैठे।

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