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बांदा की ग्राम पंचायतों में नहीं कराए गए विकास के कार्य,मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा :- शालिनी सिंह पटेल।

जनपद बांदा के ग्राम पंचायत बाघा (मॉडल ग्राम) में हुए विकास की हकीकत, विकास तो तब, कागज की जगह जमीन पर हो।

तस्वीरें बयान करती बाघा की जमीनी हकीकत।

बांदा आज दिनांक 8 सितम्बर को जनता दल यूनाइटेड महिला मोर्चा की उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शालिनी सिंह पटेल के नेतृत्व में एक सैकड़ा लोगों ने जिला अधिकारी बांदा कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए जनपद की विभिन्न ग्राम पंचायत में ग्रामीणों की वर्तमान समस्याओं के निराकरण हेतु ज्ञापन सौंपा गया साथ ही स्पष्ट किया कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है.लेकिन दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा की बाघा ग्राम पंचायत”मॉडल ग्राम”आज भी विकास से कोसो दूर है। मूल सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण विकास की राह तक रहे हैं। उन्हीं में से जिले की ग्राम पंचायत बाघा को माडल गांव चुना गया था मॉडल गांव की तस्वीर और वहां की बदहाली देखकर हर व्यक्ति का हृदय व्यथित हो जाएगा।

ग्राम पल्हरी,बबेरू,मर्का,शिव,कोर्रही व अतर्रा तहसील व महुआ ब्लाक का गांव गुमाई है। इन गांव के ग्रामीणों की माने तो यहां विकास का दूर-दूर तक नाम नहीं है। ग्रामीण विकास से दूर बदहाली के आंसू बहा रहे हैं.जिसे पोछने की जहमत आजतक किसी ने नहीं उठाई।

महुआ ब्लाक के ग्राम गुमाई में बच्चों के स्कूल जाने का रास्ता,पेयजल समस्या, बिजली की समस्या से ग्रामीण प्रतिदिन संघर्ष करते हैं। गांव अपने विकास की बाट जोह रहा है। 2017 में बिजली कनेक्शन कर दिए गए मीटर लगा दिए गए। सन 2017 से अब तक बिजली नहीं पहुंची बस आ रहा है तो बिजली का बिल। कई बार तहसील समाधान दिवस व मुख्यमंत्री पोर्टल में शिकायत की कुछ नहीं हुआ। गांव में आज तक बिजली आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की गई है। ढिबरी युग में जीवन बिता रहे हैं यहां के पीड़ित ग्रामीण लोग। बच्चों की पढाई बिन बिजली बाधित होने लगी है। ग्राम पंचायत पलहरी ब्लाक नरैनी के कुछ मजदूरों का बिजली बिल न जमा होने के कारण आरसी काट दिया गया है जबकि मौजूदा सरकार मजदूरों का कर्ज माफ नहीं कर सकती है।

श्रम विभाग बांदा में मजदूरों की फाइल लंबित पड़ी है अगर कुछ फाइल पास हो गई हैं तो सालों से भुगतान नहीं और बिना जांच किए श्रमिकों की फाइलें निरस्त की जा रही है जबकि सच में वह श्रमिक कामगार श्रमिक है जॉब कार्ड धारक है मनरेगा के मजदूर हैं अधिकारी नहीं ले रहे संज्ञान,कई बार विभिन्न ब्राह्मणों ने बांदा जिला अधिकारी को लिखित में प्रार्थना पत्र भी दिया है ग्रामीणों का दर्द यहीं खत्म नहीं होता इस गांव में पानी की भी किल्लत है। गांव के स्कूल जाने वाले रास्ते में दलदल रहता है। जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। बच्चे स्कूल जाने से कतराते हैं। यही हाल ग्राम ग्राम पंचायत बाघा, पल्हरी, मर्का, बबेरू, कोर्रही का है। इन गांवों में पहुंची जेडीयू की महिला मंच की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी सिंह पटेल व उनकी टीम ने ग्रामीणों के दर्द को जाना। उन्होंने बताया कि गांव वाले हर दिन कष्ट भरी जिन्दगी बिता रहे हैं। ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को लिखित आवेदन देकर गांव में रास्ता, बिजली और पानी के सुविधा की मांग की लेकिन आज तक किसी ने इनकी नहीं सुनी।

ग्रामीण अब जन प्रतिनिधियों से गांव पर नजरे इनायत करने की गुहार लगा रहे हैं। पंचायत सचिव, लेखपाल को नियमानुसार गांव न आने,बैठक न करने की शिकायत ग्रामीणों ने शालिनी सिंह पटेल से की। कहा कि कागजों में मनरेगा की मजदूरी मिलती है। पौधारोपण,पेंशन,आवास,शौचालय में वितरण के जिम्मेदारों ने कमीशन का खेल चला रखा है। जरूरतमंद इन योजनाओं के लाभ से वंचित हैं। कुछ लोग सांठगांठ कर विकास योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं। शालिनी सिंह पटेल का कहना है कि आज भले पुरा देश आजादी के अमृत महोत्सव मनाते हुए विकासशील देश के दंभ भर रहा है. लेकिन इन गांव वालों के लिए आजादी महोत्सव तो तब होगी जब गांव तक मूलभूत सुविधा पंहुचेगी।

उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया कि जनपद बांदा के समस्त विकास खण्डों में विभिन्न ग्राम पंचायत की मूल समस्याओं का निराकरण करने का आदेश पारित करने का कष्ट करें जिससे पीड़ित आम जनमानस को वर्तमान समस्याओं से निजात मिल सके।

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