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पाकिस्‍तान की संसद में PTI के 34 और सांसदों के इस्‍तीफे, सदस्‍यता भी खत्‍म

इस्लामाबाद: पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 35 और सांसदों के इस्तीफे अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिये हैं। इसके बाद संसद में उनकी सदस्यता अब समाप्त हो गई है। पीटीआई के 123 सांसदों ने पिछले साल अप्रैल में इमरान खान को विश्वास मत के माध्यम से प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के तुरंत बाद इस्तीफा देने का फैसला किया था। नेशनल असेंबली के अध्यक्ष ने मंगलवार को विपक्षी दल‘पीटीआई’ के 34 सांसदों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए थे।

‘पीटीआई’ के वरिष्ठ नेता असद कैसर ने कहा कि पार्टी के सांसद अपने इस्तीफे सौंपने और सत्यापित करने के लिए अध्यक्ष से व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘ हालांकि, हमें मौका नहीं दिया गया था। अध्यक्ष ने जो किया है वह अनैतिक और अवैध है।’ इमरान की सत्‍ता जाने के बाद ही शहबाज को देश की कमान मिली थी। पिछले ही दिनों इमरान ने बयान दिया था कि शहबाज को विश्‍वासमत में अपनी परीक्षा देनी होगी। पार्टी का कहना है कि यह कदम सिर्फ चुनावों से बचने का एक तरीका है।

क्‍या बोले स्‍पीकर
स्‍पीकर अशरफ ने अपने इस फैसले का बचाव किया है। उनका कहना है कि पीटीआई के सांसदों ने उन्‍हें बताया था कि इस्‍तीफा स्‍वेच्‍छा से लिया गया उनका अपना फैसला है। उन्‍होंने किसी दबाव में आकर इस्‍तीफा नहीं दिया है। अब तक कुल 80 इस्‍तीफों को स्‍वीकार कर लिया गया है। पिछले हफ्ते इमरान ने कहा था कि जिस तरह से पंजाब की प्रांतीय सभा में विश्‍वासमत लाया गया और मुख्‍यमंत्री परवेज इलाही ने इसका सामना किया, उसी तरह से शहबाज को भी इसका सामना करना पड़ेगा।

शहबाज साबित करें विश्‍वासमत
शहबाज की गठबंधन सरकार में शामिल मुताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्‍तान (MQM-P) ने इसे छोड़ने की धमकी दी थी। इसके बाद इमरान ने उसी विश्‍वासमत का जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि शहबाज को भी इसका सामना करना होगा और अपनी ताकत साबित करनी होगाी। इमरान के मुताबिक पंजाब में गठबंधन सरकार ने बहादुरी से विश्‍वासमत का सामना किया और सरकार बचाई।

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