आजम खां और बेटे अब्दुल्ला की बढ़ी मुसीबत, शत्रु संपत्ति मामले में फिर आरोपों से घिरे; रिमांड अर्जी खारिज
सीतापुर जेल में बंद आजम खान की दिक्कतें एक बार फिर बढ़ गई हैं. सोमवार को एक और मुकदमे में कस्टडी रिमांड पर लिए गए. यह मामला शत्रु सम्पत्ति से संबंधित दस्तावेजों में हेराफेरी का है. एमपी एमएलए कोर्ट ने जेल में बंद आजम खान को रिमांड पर लिया है. इस नए मुकदमे में आजम खान का नाम आया है.
शत्रु सम्पत्ति के दस्तावेजों में हेरा फेरी के मामले में मुकदमा 2020 में थाना सिविल लाइंस में दर्ज हुआ था. जांच के बाद आजम खान का नाम भी अब मुकदमे में आया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज़म खान की सीतापुर जेल से पेशी हुई.
आजम खां का नाम निकालने की कोशिश
दरअसल शत्रु संपत्ति हड़पने के लिए किए गए फर्जीवाड़े के मुकदमे से आजम खां का नाम निकालने का मामला पिछले दिनों चर्चा में रहा था. शासन ने इस मामले में पूर्व एसपी अशोक शुक्ला के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे.
कोर्ट ने आजम खान की आपत्ति काे किया खारिज
वहीं अब शत्रु संपत्ति के इस मामले में पुलिस ने दोबारा विवेचना के बाद उन्हें और उनके बेटे अब्दुल्ला को फिर से आरोपित बना दिया है. विवेचना अधिकारी ने इस केस में पिता-पुत्र का रिमांड लेने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दी थी. जिसके बाद आजम खान ने अपने वकील के माध्यम से आपत्ति दाखिल की थी. हालांकि कोर्ट ने आजम खां की आपत्ति काे खारिज कर दिया है.
शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने का आरोप
बता दें कि यह मुकदमा रिकॉर्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद की ओर से सिविल लाइंस थाने में नौ मई 2020 को लखनऊ के पीरपुर हाउस निवासी सैयद आफाक अहमद और अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराया गया था. इसमें शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने का आरोप लगा है.
जौहर यूनिवर्सिटी के पास थी संपत्ति
यह शत्रु संपत्ति आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी के पास थी, जो इमामुद्दीन कुरैशी के नाम दर्ज थी. जानकारी के मुताबिक इमामुद्दीन कुरैशी विभाजन के समय देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे. वहीं 2006 में इसको शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज कर ली गई थी.