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अडानी ने बदली चाल, इधर हंगामा होता रहा और उधर खड़ी कर दी एक और नई कंपनी

नई दिल्ली: 24 जनवरी को अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ अपनी निगेटिव रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के बाद विवाद बढ़ता चला गया। विरोधी हावी हो गए। सड़के से लेकर संसद तक अडानी के खिलाफ मोर्चा खुल गया। अडानी के लोन पर, उनके कारोबार पर सवाल उठने लगे। अडानी पर उठ रहे सवालों के बीच निवेशकों ने भी मुंह मोड़ लिया। अडानी के शेयर, कंपनी का मार्केट कैप, गौतम अडानी का नेटवर्थ सब गिरने लगा। विवाद बढ़ते रहे,लेकिन गौतम अडानी ने हार नहीं मानी। अडानी ने इन हंगामों के बीच उन्होंने अपनी नई कंपनी खड़ी कर दी।


अडानी की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने अपने कारोबार के विस्तार का ऐलान किया है। कंपनी ने को वाशरी (Coal Washery) बिजनस में एंट्री कर ली है। कंपनी ने इस बिजनस के लिए सब्सिडियरी कंपनी बनाई है,जिसका नाम पेल्मा कोलियरीज (Pelma Collieries) रखा गया है। दरअसल अडानी एंटरप्राइजेज के कोल वाशरी बिजनस का कामकाज का संचालन प्लेमा कोलियरीज करेगी। अडानी की ओर से इसकी जानकारी एक्सचेंजों को दे दी गई है। अडानी एंटरप्राइजेज ने बताया कि 7 अप्रैल को वो एक पूर्ण स्वामिस्तव वाली सब्सिडियकी कंपनी प्लेमा कोलियरीज लिमिटेड (PCL) का गठन किया है। इस कंपनी का गठन ऐसे वक्त में किया गया, जब कंपनी पर सवाल उठ रहे हैं।

अडानी की नई कंपनी के बारे में
अडानी की नई कंपनी का नाम पेल्मा कोलियरीज हैष इस कंपनी पर मालिकाना हक अडानी एंटरप्राइजेज का है। 7 अप्रैल 2023 को इस कंपनी का गठन किया गया। इसकी स्थापना 10 लाख रुपये की शुरुआती अथॉराइज्ड शेयर पूंजी के साथ-साथ 5 लाख रुपये की पेड अप शेयर पूंजी के की गई है। ये कंपनी कोल हैंडलिंग सिस्टम के तहत काम करेगी। कंपनी का काम कोल वाशरी से जुड़ा होगा। कोल वाशरी का विकास, निर्णाम, संचालन इसकी जिम्मेदारी होगी। आपको बता दें कि कोश वाशिंग कोयले की गंदगी को साफ करने की प्रक्रया होती है।

अडानी ने बदली रणनीति

अडानी समूह पर तमाम आरोप लगे। कंपनी ने अपनी सफाई भी दी। अडानी पर हिंडनबर्ग के हमले के बाद कंपनी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया। कर्ज चुकाने पर फोकस करने लगे। निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए पहले से चल रही कंपनियों को मजबूती देने का फैसला किया। अडानी समबह ने कारोबार की रणनीति में बदलाव भी किया और नया बिजनस शुरू करने के बजाय पहले से चल रहे बिजनस को संभालने की बात की। विदेशों में रोडशो किए, निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए ताबड़तोड़ कदम उठाए गए। इसका असर भी दिखने लगा। अडानी के शेयरों में तेजी लौटने लगी।


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