अडानी ने बदली चाल, इधर हंगामा होता रहा और उधर खड़ी कर दी एक और नई कंपनी
नई दिल्ली: 24 जनवरी को अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ अपनी निगेटिव रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के बाद विवाद बढ़ता चला गया। विरोधी हावी हो गए। सड़के से लेकर संसद तक अडानी के खिलाफ मोर्चा खुल गया। अडानी के लोन पर, उनके कारोबार पर सवाल उठने लगे। अडानी पर उठ रहे सवालों के बीच निवेशकों ने भी मुंह मोड़ लिया। अडानी के शेयर, कंपनी का मार्केट कैप, गौतम अडानी का नेटवर्थ सब गिरने लगा। विवाद बढ़ते रहे,लेकिन गौतम अडानी ने हार नहीं मानी। अडानी ने इन हंगामों के बीच उन्होंने अपनी नई कंपनी खड़ी कर दी।
अडानी ने बदली रणनीति
अडानी समूह पर तमाम आरोप लगे। कंपनी ने अपनी सफाई भी दी। अडानी पर हिंडनबर्ग के हमले के बाद कंपनी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया। कर्ज चुकाने पर फोकस करने लगे। निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए पहले से चल रही कंपनियों को मजबूती देने का फैसला किया। अडानी समबह ने कारोबार की रणनीति में बदलाव भी किया और नया बिजनस शुरू करने के बजाय पहले से चल रहे बिजनस को संभालने की बात की। विदेशों में रोडशो किए, निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए ताबड़तोड़ कदम उठाए गए। इसका असर भी दिखने लगा। अडानी के शेयरों में तेजी लौटने लगी।