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नमक, सुई, प्लेन के बाद अब iPhone भी बना रहा TATA, फोन कैसा होगा, आप समझ ही रहे होंगे

नई दिल्ली: देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों में शामिल टाटा ग्रुप (Tata Group) ने देश में ऐपल (Apple) का आईफोन (iPhone) बनाना शुरू कर दिया है। ऐपल के सीईओ टिम कुक पिछले महीने भारत की यात्रा पर आए थे। इस दौरान उनकी टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के साथ मुंबई में बैठक हुई थी। माना जाता है कि इस बैठक में दोनों के बीच भारत में मेगा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग प्लान के बारे में लंबी बातचीत हुई थी। एक रिपोर्ट केमुताबिक ऐपल ने भारत में iPhone 15 सीरीज को बनाने के लिए टाटा ग्रुप से हाथ मिलाया है। इतना ही नहीं ऐपल की इस नई सीरीज के मेक इन इंडिया फोन को इस साल के आखिर में लॉन्च किया जा सकता है। इससे पहले भारत में फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और लक्सशेयर जैसी कंपनियां iPhone की असेंबलिंग करती रही हैं, लेकिन अब इस रेस में टाटा ग्रुप भी शामिल हो गया है। टाटा ग्रुप भारत में iPhone बनाने वाली चौथी कंपनी होगी। टाटा ग्रुप ने विस्ट्रॉन की इंडियन प्रॉडक्शन लाइन का अधिग्रहण कर लिया है, जहां iPhone 15 सीरीज को असेंबल किया जाएगा। विस्ट्रॉन कथित तौर पर भारतीय बाजार से बाहर निकलने के लिए कमर कस रही है। टाटा ने कंपनी की प्रॉडक्शन लाइन का अधिग्रहण कर लिया है, इसलिए यह भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग के लिए नया कॉन्ट्रैक्ट पार्टनर बन जाएगा। ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन का प्लांट बेंगलुरु के बाहर नरसापुरा में है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि टाटा समूह भारत में Apple के लिए iPhone 15 और 15 Plus का एक छोटा सा हिस्सा असेंबल करेगा। समूह Apple के 2023 iPhone मॉडल का केवल 5 प्रतिशत ही असेंबल करेगा। वहीं बाकी कंपनियों- फॉक्सकॉन, लक्सशेयर और पेगाट्रॉन के पास इसका प्राइमरी हिस्सा होगा। ऐपल ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहती है। चीन के मुकाबले में ऐपल ने भारत को चुना है। इसकी वजह भारत में स्मार्टफोन का एक बड़ा मार्केट है। साथ ही भारत टेक्नोलॉजी हब के तौर पर विकसित हो रहा है। ऐसे में भारत में iPhone 15 की असेंबलिंग का दोहरा फायदा है। अमेरिका की कंपनी ऐपल से उम्मीद की जा रही है कि वह इस साल सितंबर में Apple iPhone 15 सीरीज़ को लॉन्च कर सकता है।

विस्ट्रॉन की योजना

हालांकि अभी इस बात को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है कि विस्ट्रॉन बेंगलुरु प्लांट से पूरी तरह बाहर हो जाएगी या नहीं। सूत्रों का कहना है कि ठेके पर इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाली ताइवान की इस कंपनी ने ऐपल के कामकाज से पूरी तरह बाहर निकलने का फैसला किया है और अब उसका फोकस दूसरे बिजनस पर रहेगा। कंपनी भारत में ऐपल के इतर दूसरे प्रॉडक्ट्स में अपनी संभावना तलाशेगी। ऐपल के आईफोन की मैन्यूफैक्चरिंग में टाटा ग्रुप के एंट्री के बारे में एक सूत्र ने बताया कि टाटा के कुछ चुनिंदा अधिकारी पहले ही विस्ट्रॉन की फैक्ट्री में काम कर रहे हैं। ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और विस्ट्रॉन तथा ऐपल के अधिकारियों की इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर करीबी नजर है। इस बारे में टाटा ग्रुप और ऐपल को भेजे गए सवालों का कोई जबाव नहीं आया।


सूत्रों के मुताबिक टाटा ने पहले ही विस्ट्रॉन की फैसिलिटी में आईफोन बनाना शुरू कर दिया है। ग्रुप के अधिकारी और प्रतिनिधि ऑपरेशंस, एचआर और एडमिनिस्ट्रेशन के काम में शामिल हैं। उन्हें ऑपरेशंस और प्रोसेसेज की ट्रेनिंग दी जा रही है। माना जा रहा है कि ऐपल को भारत में मैन्यूफैक्चरिंग के लिए प्रोत्साहित करने में केंद्र सरकार की अहम भूमिका है। ऐपल चीन से बाहर बड़ा प्रॉडक्शन हब विकसित करना चाहती है। इसके लिए कंपनी भरोसेमंद भारतीय कंपनियों को मैन्यूफैक्चरिंग जैसे कामों में शामिल करना चाहती है। टाटा के साथ डील उसकी इसी मुहिम का हिस्सा है।

तेलंगाना में करेगी 4,116 करोड़ का निवेश Foxconn

इस बीच ऐपल की सप्लायर फॉक्सकॉन तेलंगाना में करीब 4,116 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। इतना ही नहीं, फॉक्सकॉन के इस प्रोजेक्ट के पहले स्टेज में 25,000 हजार नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। तेलंगाना के नगर प्रशासन और शहरी विकास मंत्री केटी राम राव ने घोषणा की है कि ऐपल के उत्पाद बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन तेलंगाना में $500M का निवेश करेगी और फॉक्सकॉन का संयंत्र हैदराबाद के पास रंगारेड्डी जिले के कोंगर कलान में बनेगा।

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