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‘पहलवानों के आरोप गंभीर हैं’, अर्जी सुनने को सुप्रीम कोर्ट तैयार, दिल्‍ली पुलिस को नोटिस जारी

नई दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट के अखाड़े में पहलवानों का पहला दांव चल गया। अदालत ने उनकी याचिका पर दिल्‍ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। जंतर-मंतर पर धरना दे रहे सात पहलवानों ने याचिका में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग की है। मंगलवार को सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्‍बल ने यह मामला सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्‍यक्षता वाली बेंच के सामने मेंशन किया। सिब्‍बल ने कहा कि यौन शोषण के आरोप पर कोई FIR दर्ज नहीं की गई। पीड़‍िता उस वक्‍त 16 साल की थी, गोल्‍ड मेडल जीता है। इसपर सीजेआई ने कहा कि पहलवानों के आरोप बेहद गंभीर हैं। उन्‍होंने देश और दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। हम नोटिस जारी करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख शुक्रवार की तय की है।

मंगलवार को अदालत के सामने सिब्‍बल ने कहा कि अगर पुलिस केस न दर्ज कर रही हो तो अब CrPC की धारा 166A में संशोधन के बाद उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है। इसपर सीजेआई ने कहा, ‘हम देखेंगे।’


तीन महीने के भीतर दूसरी बार ओलिंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और दिग्गज विनेश फोगाट के नेतृत्व में धरने पर बैठे पहलवानों ने कहा कि अभी तक पुलिस ने हमारी शिकायत दर्ज नहीं की है। विनेश ने कहा कि बृजभूषण को बीजेपी नेता होने का फायदा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए कमिटी बनाई गई लेकिन उनका रवैया हमारे साथ हमेशा से पक्षपातपूर्ण रहा है। जिन लड़कियों का यौन शोषण हुआ है उनमें से 12 लड़कियां जांच कमिटी के सामने प्रस्तुत हो चुकी हैं। उन्हें अब और क्या चाहिए। इस बीच पहलवानों ने खाप नेताओं, महिला संगठनों और राजनेताओं से उनका समर्थन करने की अपील है।


चुनाव पर लगाई रोक
खेल मंत्रालय ने सात मई को WFI के होने वाले चुनाव पर रोक लगा दी है। मंत्रालय ने इंडियन ओलिंपिक असोसिएशन (IOA) से एक तदर्थ समिति बनाने को कहा है। यही समिति अगले 45 दिन के अंदर चुनाव कराएगी। खेल मंत्रालय द्वारा IOA अध्यक्ष पीटी उषा को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मौजूदा स्थिति को देखते पहले से तय चुनाव की प्रक्रिया को रद्द माना जाए। कार्यसमिति के नए चुनाव किसी तटस्थ संस्था और निर्वाचन अधिकारी के द्वारा कराया जाए।

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