उत्तराखण्डक्राइमराज्य

28 करोड़ की ठगी में एक और साइबर ठग गिरफ्तार, यूट्यूब से कमाई का झांसा देकर लगाते थे चपत

देहरादून: करीब 28 करोड़ रुपए की ऑनलाइन ठगी के मामले में उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टॉस्क फोर्स) ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी का नेटवर्क करीब देश के 20 राज्यों में फैला हुआ है. ये गिरोह यूट्यूब वीडियो से लोगों को जल्द से जल्द ज्यादा पैसा कमाने का झांसा देता था, जो लोग इनके झांसे में आ जाते थे, उससे ये गिरोह अपने जाल में फंसाकर लाखों रुपए ठग लेते थे. इसी तरह इस गिरोह में 20 से ज्यादा राज्यों में करीब 28 करोड़ रुपए की ऑनलाइन ठगी की है.

पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में सन्नी जैन ने तहरीर दी थी. उन्होंने बताया था कि अज्ञात व्यक्तियों ने उससे व्हाट्सएप के जरिए संपर्क किया था. संपर्क करने वाले व्यक्ति ने खुद को कैरियर बिल्डर कम्पनी का एचआर बताया था. उसने सन्नी जैन को रोजाना तीन से आठ रुपए कमाने का लालच लिया था.

पुलिस के मुताबिक सन्नी जैन को आरोपियों ने यूट्यूब वीडियो लाइक और सब्सक्राइब करने का काम दिया था. सन्नी जैन आरोपियों के झांसे में आ गया, जिसके बाद आरोपियों ने सन्नी जैन को जॉब ऑफर कर उसके मोबाइल पर दो लिंक भेजे और उससे टेलीग्राम एप डाउनलोड करवाया. इसी तरह के आरोपियों ने सन्नी जैन को टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर उसका मोबाइल हैक कर लिया.

एक ही झटके में साफ हो गए थे 14 लाख: पुलिस ने बताया कि 25 मई को सन्नी जैन के मोबाइल पर बैंक अकाउंट से 30 हजार रुपए कटने का मैसेज आया. सन्नी जैन ने जब इस बारे में बैंक से संपर्क किया तो उसे पता चला कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसके खाते से अलग-अलग करीब 14 लाख रुपए की ट्रांजेक्शन की. इसके बाद सन्नी जैन को अपने साथ हुई ठगी एहसास हुआ.

पुलिस ने सन्नी जैन की तहरीर पर उक्त मोबाइल नंबर और खातों की जानकारी जुटाई, जिसके आधार पर पुलिस ने संदिग्ध आरोपी हरमीत सिंह बेदी निवासी लुधियाना पंजाब तक पहुंची और उसे गिरफ्तार किया. तभी से पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई थी. इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ आज एक और कामयाबी मिली है. उत्तराखंड एसटीएफ ने सह आरोपी मौहम्मद वकार निवासी जिला जोधपुर राजस्थान को गिरफ्तार किया, जिसके खिलाफ देशभर के 16 अलग-अलग राज्यों में लगभग 113 शिकायते दर्ज है.

लोगों को शिकार बनाने का तरीका: एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपियों नामी गिरामी कंपनियों की फर्जी बेवसाइड बनाकर आम जनता अलग-अलग माध्यम से संपर्क करते है और उन्हें रोजाना तीन से आठ रुपए कमाने के लालच देते है, जो व्यक्ति इसके झांसे में आ जाता है, उससे आरोपी टेलीग्राम एप डाउनलोड कराते है. जैसे ही कोई भी व्यक्ति आरोपियों के टेलीग्राम ग्रुप के जुड़ता है, उसके मोबाइल की सारी जानकारियां साइबर ठगों तक पहुंच जाती है. इसी तरह आरोपी ऑनलाइन पीड़ित के बैंक अकाउट में सेंधमारी करते हुए और उसका सारा पैसे हड़प लेते है.

आरोपी इस काम के लिए फर्जी सिम, आईडी कार्ड और फर्जी खातों का प्रयोग करते है. साथ ही टेलीग्राम चैनल का संचालन दुबई से किया जा रहा है, लोगों से दोस्त करता है और फर्जी अकाउंट खोलता है. आरोपी ने पी2पी Crypto ट्रेडिंग में विवादित पैसा भी लगाया. मामले के प्रारंभिक जांच में न्यूनतम 28 करोड़ का घोटाला सामने आया है. साथ ही आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, हिमाचल, केरल, ओडिशा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, हरियाणा और छत्तीसगढ़ राज्यों की पुलिस तलाश कर रही है.

P2P क्रिप्टो ट्रेडिंग एक व्यक्ति को नहीं पता कि क्रिप्टो किससे खरीदा गया था और किससे उसने क्रिप्टो को आगे बेचा. अक्सर अपराधी धोखाधड़ी के पैसे से खरीदे गए क्रिप्टो को उन लोगों को बेचते हैं जो आगे किसी और को बेचते हैं.

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