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मजाक कर रही हैं क्या… सुधा मूर्ति ने वीजा फॉर्म में ब्रिटिश पीएम आवास का पता डाला तो अधिकारी पूछ बैठा

नई दिल्‍ली: सुधा मूर्ति (Sudha Murthy) इन्‍फोसिस के संस्‍थापक नारायण मूर्ति की पत्‍नी हैं। वह जानी-मानी लेखिका और परोपकारी भी हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक उनके दामाद हैं। सुधा की बेटी अक्षता से सुनक की शादी हुई है। इतना सबकुछ होने के बावजूद वह बेहद सादगी से रहती हैं। उनकी यह सादगी कई लोगों को चौंका तक देती है। कुछ ऐसा ही हुआ जब वह बीते दिनों बेटी और दामाद से मिलने ब्रिटेन गई थीं। एयरपोर्ट पर अधिकारी यह मानने को तैयार नहीं हो रहे थे कि लंदन में उनका पता 10 डाउनिंग स्‍ट्रीट है। यह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास है। सुधा मूर्ति ने वीजा फॉर्म में इसका जिक्र किया था। हाल में ‘कपिल शर्मा शो’ (Sudha Murthy in Kapil Sharma Show) के दौरान पद्म पुरस्‍कार विजेता ने यह पूरा किस्‍सा सुनाया था।


ऋषि सुनक पिछले साल सितंबर में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने थे। सुधा मूर्ति की बेटी अक्षता सुनक की पत्‍नी हैं। हालंकि, सुधा पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा है। सादगी को वह अपना सबसे बड़ा आभूषण मानती हैं। उनकी इस सादगी के कारण लोग चौंक जाते हैं। इसी से जुड़ा एक किस्‍सा उन्‍होंने हाल में टीवी शो के दौरान शेयर किया।

बेटी से म‍िलने गई थीं ब्र‍िटेन…
सुधा ने बताया कि वह अपनी बेटी से मिलने ब्रिटेन गई थीं। एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन ऑफिसर ने उनसे रेजिडेंशियल एड्रेस के बारे में पूछा। उनसे पूछा गया था कि लंदन में वह कहां रहने वाली हैं। सुधा की बड़ी बहन भी उनके साथ थीं। दोनों को लगा कि उन्‍हें 10 डाउनिंग स्‍ट्रीट लिखना चाहिए। सुधा का बेटा भी ब्रिटेन में रहता है। लेकिन, उन्‍हें बेटे का पूरा पता नहीं याद था। लिहाजा, उन्‍होंने 10 डाउनिंग स्‍ट्रीट लिख दिया।अधिकारी को नहीं हो रहा था यकीन…
फॉर्म में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास का पता देखकर एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन ऑफिसर ने उन्‍हें घूरकर बड़ी देर तक देखा। फिर वह बोला- ‘क्‍या आप मजाक कर रही हैं!’ इसके जवाब में सुधा बोलीं, ‘नहीं, सच्‍ची बोलती हूं।’ इमिग्रेशन ऑफिसर पूरी तरह हक्‍का-बक्‍का था। उसके होश उड़ गए थे। उसे यकीन करना मुश्किल हो रहा था कि उसके सामने सादी सी साड़ी में खड़ी महिला कोई और नहीं उनके देश को चलाने वाले पीएम की सास है।

हाल में सुधा मूर्ति को पद्म भूषण सम्‍मान से नवाजा गया था। यह देश का तीसरा सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान है। साहित्‍य और सामाजिक कार्य के लिए उन्‍हें अनेकों पुरस्‍कार से नवाजा जा चुका है। वह कई फाउंडेशन स्‍थापित कर चुकी हैं। इनके जरिये गरीब बच्‍चों को स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा मुहैया कराई जाती है।

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