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अहंकार, सस्ती लोकप्रियता… राहुल गांधी पर भाजपा नेताओं ने फिर साधा निशाना

नई दिल्ली: लोकसभा की सांसदी छिनने के बाद पहली बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी मीडिया के सामने आए। केंद्र और मोदी सरकार पर जमकर बरसे। बता दिया कि वह देश के लिए काम करते रहेंगे। इस दौरान उनके चेहरे की रंगत देखने लायक थी। अब इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद भाजपा ने एक बार फिर उनपर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि वह सस्ती लोकप्रियता के लिए हथकंडे अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि उस समय स्वतः अयोग्य हो जाते हैं, जब उन्हें अदालत द्वारा दोषी ठहराया जाता है और दो या अधिक साल के लिए जेल की सजा सुनाई जाती है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के एक अन्य नेता राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने कहा कि पत्रकार के सवाल पर दी गई उनकी प्रतिक्रिया उनके अहंकार को दर्शाती है।

सस्ती लोकप्रियता के लिए हथकंडे अपना रहे हैं राहुल
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकर ने राहुल गांधी आज एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा कि वह सस्ती लोकप्रियता के लिए हथकंडे अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि उस समय स्वतः अयोग्य हो जाते हैं, जब उन्हें अदालत द्वारा दोषी ठहराया जाता है और दो या अधिक साल के लिए जेल की सजा सुनाई जाती है। ठाकुर ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार या लोकसभा की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है और अयोग्यता को निलंबित या रद्द नहीं किया जा सकता है। इससे पूर्व, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें हमेशा के लिए अयोग्य ठहरा दिया जाए या फिर उन्हें जेल में ही क्यों न डाल दिया जाए, लेकिन वह लोकतंत्र की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
2013 के लिली थॉमस बनाम सुप्रीम कोर्ट वाले मामले का दिया उदाहरण
ठाकुर ने कहा कि 2013 के लिली थॉमस बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में, उच्चतम न्यायालय ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 (4) को रद्द कर दिया था, जो एक बार सजायाफ्ता सांसद-विधायक को उनकी लंबित अपील के कारण अयोग्यता से बचाती थी। उन्होंने कहा, ‘निर्णय के अनुसार, दोषसिद्धि की तारीख से अयोग्यता अपने आप प्रभावी होती है।’ मंत्री ने कहा कि संविधान स्पष्ट रूप से संसद को उस तारीख को टालने से रोकता है, जिससे अयोग्यता प्रभावी होगी। ठाकुर ने कहा, ‘लोकसभा अध्यक्ष जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और उच्चतम न्यायालय के फैसले से सदस्यता समाप्ति आदेश जारी करने के लिए बाध्य हैं।’
भाजपा नेता ने कहा, ‘राहुल गांधी राजनीतिक अपरिपक्वता की मिसाल हैं। जो भी थोड़ा भरोसा था, उसे वह गंवा रहे हैं। नौटंकी और सस्ती लोकप्रियता के लिए वह हथकंडे अपना रहे हैं।’ ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी अयोग्यता का सामना करने वाले पहले निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘सोचता हूं कि क्या कांग्रेस के कानूनी जानकारों ने नियमों के बारे में जानकारी हासिल की है? इसके बजाय, वे खुलेतौर पर ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए राहुल गांधी की नफरत का बचाव कर रहे हैं, जिसके कारण उन्हें दोषी ठहराया गया और इस प्रकार न्यायपालिका और लोगों के प्रति घोर अनादर दिखाया जा रहा है।’
पत्रकार को दिया उनका जवाब अहंकार दर्शाता है- बलूनी
राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने पत्रकार के सवाल पर राहुल के जवाब के तरीके को अहंकार बताया है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने कहा, ‘लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए राहुल गांधी का सम्मान इसी तरह का है। वह पिछड़े वर्गों से इतनी घृणा क्यों करते हैं। पत्रकारों द्वारा उनसे ओबीसी के अपमान पर सवाल पूछे जाने से ही वे इतने बौखला गए।’ भाजपा आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया, ‘राहुल गांधी से जब ओबीसी के अपमान का सीधा सवाल किया गया तो उन्होंने उन्हें भाजपा का प्रवक्ता बताते हुए जवाब देने से पहले उन्हें भाजपा का पट्टा पहनने तक की नसीहत दे दी। पिछली बार उन्होंने कुछ ऐसा ही अमेठी में किया था और वहां से चुनाव हार गए थे। ओबीसी समुदाय इस बर्ताव से आक्रोशित है।’ मालवीय ने इसके साथ ही उक्त संवाददाता सम्मेलन का वीडियो भी साझा किया है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दावा किया कि राहुल गांधी प्रश्नों का जवाब देने के लिए तैयार नहीं थे, इसलिए पत्रकार पर अपमानजनक टिप्पणी की। उन्होंने दावा किया कि गांधी ने मीडिया के प्रति अवमानना का भाव प्रकट किया है और अपने व्यवहार से उसे नष्ट करने की कोशिश की।

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