देश

LAC पर किसी भी हिमाकत का जवाब देने के लिए रहें तैयार…ऑर्मी कमांडरों की कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली : देश की उत्तरी सीमा पर चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चाइनीज पीएलए सैनिकों की तैनाती से लगातार स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यहां कड़ी निगरानी रखने को कहा। उत्तरी सीमाओं पर वर्तमान स्थिति के मद्देनजर रक्षा मंत्री ने किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए सेना को पूरी तरह तैयार रहने को कहा है।

ऑर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और पिछले तीन साल से फॉरवर्ड पोस्ट्स पर दोनों देशों के सैनिक तैनात हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि, शांतिपूर्ण समाधान के लिए चल रही बातचीत जारी रहेगी और पीछे हटना और तनाव कम करना, आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका है। वह सेना कमांडरों के सम्मेलन में बोल रहे थे।

सेना कमांडरों का वर्ष 2023 का पहला सम्मेलन, 17 अप्रैल 2023 को एक हाइब्रिड मोड में शुरू हुआ है। रक्षा मंत्री ने वर्तमान जटिल वैश्विक स्थिति पर बल दिया जो विश्व स्तर पर सभी को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा, ‘हाइब्रिड युद्ध सहित गैर-परंपरागत और असममित युद्ध भविष्य के पारंपरिक युद्धों का हिस्सा होंगे। वर्तमान में साइबर, सूचना, संचार, व्यापार और वित्त सभी भविष्य के संघर्षो का एक अविभाज्य हिस्सा बन गए हैं। यह आवश्यक है कि सशस्त्र बलों को रणनीति बनाते और तैयार करते समय इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखना होगा।’

उन्होंने कहा, ‘हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए विषम मौसम और शत्रुतापूर्ण ताकतों का मुकाबला करने वाले हमारे सैनिकों को सर्वोत्तम हथियारों, उपकरणों और कपड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह हमारी ‘संपूर्ण सरकार’ का दृष्टिकोण है।’


रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान से लगी पश्चिमी सीमाओं पर स्थिति का जिक्र करते हुए सीमा पार आतंकवाद के लिए भारतीय सेना की प्रतिक्रिया की सराहना की। राजनाथ सिंह ने कहा कि हालांकि विरोधी द्वारा छद्मयुद्ध जारी है। रक्षा मंत्री ने कहा ‘मैं जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खतरे से निपटने में सीएपीएफ, पुलिस बलों और सेना के बीच उत्कृष्ट तालमेल की सराहना करता हूं।’

उन्होंने मातृभूमि की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी वीरों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। उन्होंने विदेशी सेनाओं के साथ स्थायी सहकारी संबंध बनाकर हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने के लिए सैन्य कूटनीति में सेना द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने ‘ऑपरेशन दोस्त’ के दौरान तुर्की में भूकंप के बाद मानवीय सहायता और आपदा राहत मिशन प्रदान करने के भारतीय सेना के प्रयासों की भी सराहना की।

रक्षा मंत्री ने भारतीय सेना की अधिकांश शाखाओं में स्थायी कमीशन और महिला अधिकारियों को शामिल करके ‘महिला सशक्तिकरण’ की राष्ट्रीय परिकल्पना के प्रति समर्पित प्रयासों के लिए सेना की सराहना की। उन्होंने सेना में नई तैयार की गई भर्ती योजना ‘अग्निवीर’ के कार्यान्वयन में सेना की सराहना की और साथ ही इसके लिए देश के युवाओं द्वारा दिखाए गए उत्साह की भी प्रशंसा की।

रक्षा मंत्री ने ‘ब्लू हेलमेट ओडेसी- 20वीं शताब्दी में शांति स्थापना के कार्यो की बदलती रूपरेखा’ शीर्षक से भारतीय सेना संयुक्त राष्ट्र जर्नल का दूसरा संस्करण जारी किया। यह जर्नल वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व और राजनयिकों द्वारा मिशन और दृष्टिकोण से सुझावों का संकलन है और भारतीय सेना के 75 वर्ष पूरे होने पर डाक टिकट एक स्मारक है। रक्षा मंत्री ने उच्च प्रौद्योगिकी, नवाचार, निगरानी के लिए समाधान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, प्रशिक्षण, रोबोटिक्स, वर्चुअल रियलिटी, ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स आदि पर केंद्रित एक उपकरण प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

उन्होंने कहा, ‘रक्षा कूटनीति, स्वदेशीकरण, सूचना युद्ध, रक्षा बुनियादी ढांचे और बल आधुनिकीकरण से संबंधित मुद्दों पर हमेशा इस तरह के मंच पर विचार-विमर्श किया जाना चाहिए। युद्ध की तैयारी एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए और हमें सदैव अप्रत्याशित और अनिश्चित घटनाओं के लिए तैयार रहना चाहिए जो कभी भी सामने आ सकती हैं। हमें हमेशा अपने लड़ने के कौशल और हथियारों की प्रौद्योगिकियों का सम्मान करना चाहिए, ताकि जब भी आवश्यकता हो प्रभावी ढंग से कार्य किया जा सके। राष्ट्र को अपनी सेना पर गर्व है और सरकार सुधारों और क्षमता आधुनिकीकरण के रास्ते पर सेना को आगे बढ़ने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button