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अफ्रीका के 13 देशों में मिलिट्री बेस खोलने की तैयारी में चीन, जिनपिंग का खतरनाक प्लान जान लीजिए

बीजिंग: अफ्रीकी देशों को कर्ज से पाटने के बाद चीन अब उन्हें अपना आर्थिक गुलाम बनाने की तैयारी में है। शी जिनपिंग ने 13 अफ्रीकी देशों की पहचान की है, जहां चीन अपना मिलिट्री बेस खोल सकता है। जिबूती में चीन पहले से ही अपना ओवरसीज मिलिट्री बेस ऑपरेट कर रहा है। चीन का दावा है कि जिबूती वाले बेस सिर्फ लॉजिस्टिक जरूरतों के लिए है, हालांकि पिछले साल वहां चीनी नौसेना के युद्धपोतों की तैनाती ने पूरी दुनिया के कान खड़े कर दिए थे। चीन ने अभी तक 40 नेवल टास्क फोर्स को नियुक्त किया है। इस फोर्स ने 7000 से अधिक चीनी और विदेशी जहाजों को एस्कॉर्ट किया है। इसी की आड़ में चीन अफ्रीकी देशों में लगातार अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ाता जा रहा है।

13 अफ्रीकी देशों में मिलिट्री बेस खोलने की तैयारी में चीन

2021 की अपनी रिपोर्ट में अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा था कि चीन ने अफ्रीका में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ाने के लिए गोला, केन्या, सेशेल्स, नामीबिया और तंजानिया जैसे 13 अफ्रीकी देशों में मिलिट्री बेस खोलने पर विचार कर रहा है। चीन ने अफ्रीका में कम से कम 46 बंदरगाह या तो बनाए हैं या उन्हें वित्त पोषित किया है या वर्तमान में उन्हें चीन के सरकारी स्वामित्व वाले शिपर्स संचालित करते हैं। चीन ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मोजाम्बिक के बीरा में एक नौसैनिक अड्डे को विकसित किया है। इस बंदरगाह ने चीन को मोजाम्बिक के साथ-साथ जाम्बिया और जिम्मबाब्वे के साथ व्यापार करने में मदद की है। चीन मोजाम्बिक के मापुटो प्रांत के काटेम्बे क्षेत्र में सैन्य अड्डा स्थापित करने की भी संभावना तलाश रहा है।


इक्वेटोरियल गिनी बना चीन का पसंदीदा देश

चीन अफ्रीका के पश्चिमी तट पर स्थित देश इक्वेटोरियल गिनी में भी मिलिट्री बेस बनाने पर विचार कर रहा है। इक्वेटोरियल गिनी चीनी निर्यात के लिए एक महत्वपूर्ण देश साबित हो सकता है। हाल के वर्षों में चीन का इक्वेटोरियल गिनी पर कर्ज उसके सकल घरेलू उत्पाद का 49.7 फीसदी पहुंच गया है। इक्वेटोरियल गिनी कोरोना महामारी के दौरान चीनी टीके प्राप्त करने वाला पहला अफ्रीकी देश था। चीन इक्वेटोरियल गिनी में एयरफोर्स बेस की संभावना पर भी विचार कर रहा है। इस देश के पास भारी-भरकम मालवाहक विमानों का समर्थन करने में सक्षम तीन हवाई क्षेत्र भी हैं, जिनमें से एक बाटा बंदरगाह के पास स्थित है। इसके अलावा, बाटा और मालाबो में गहरे पानी के बंदरगाहों को चीनी नौसेना के युद्धपोतों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

अटलांटिक तट पर नौसैनिक अड्डा बनाने की है तैयारी

2006 में चीन के आयात-निर्यात बैंक ने बाटा बंदरगाह के प्रारंभिक निर्माण को वित्त पोषित किया था। इस बंदरगाह को चीन की सरकारी कंपनी चाइना कम्युनिकेशंस कंस्ट्रक्शन कंपनी की फर्स्ट हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी ने 2014 में बनाया था। बाद में इस बंदरगाह को चीन की ही दूसरी सरकारी कंपनी द चाइना रोड एंड ब्रिज कॉर्प ने अपग्रेड किया था।


तंजानिया और मोजाम्बिक पर भी चीन की नजर

चीन अफ्रीका के पूर्वी तट के साथ-साथ तंजानिया के बागमायो बंदरगाह के डेवलपमेंट वर्क को फिर से शुरू करने का इच्छुक है। इसके लिए चीन ने 1.3 बिलियन डॉलर का कर्ज जारी किया है। अगर चीन मोजाम्बिक और इक्वेटोरियल गिनी में नौसैनिक अड्डों की स्थापना में सफल होता है तो इस बात की पूरी संभावना है कि कुछ और अफ्रीकी बंदरगाहों को नौसैनिक अड्डों में परिवर्तित किया जा सकता है।

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