उत्तराखण्डराज्य

चीला वाहन हादसे में मरने वालों की संख्या हुई पांच, लापता महिला अधिकारी का शव हुआ बरामद

ऋषिकेश के पास चीला रोड पर हुए हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है। शक्ति नहर में तीन दिन की तलाशी के बाद गुरुवार सुबह वार्डन आलोकी देवी का शव बरामद कर लिया गया। सर्चिंग ऑपरेशन के तीसरे दिन एसडीआरएफ को यह कामयाबी मिली है। निरीक्षक कवींद्र सजवाण के मुताबिक बरामद शव की शिनाख्त लापता राजाजी पार्क की वार्डन आलोकी के रूप में कर ली गई है। शव को लक्ष्मणझूला पुलिस के सुपुर्द कर पोस्टमार्टम के लिए एम्स भिजवाया गया।

सोमवार को हुई दुर्घटना में दो रेंजरों समेत चार लोगों की मौत हो गई थी। चीला वार्डन आलोकी देवी शक्तिनहर में गिरने के कारण लापता हो गईं थीं। हादसे में पांच लोग गंभीर घायल हुए हैं, जिन्हें एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया। बैराज मार्ग पर सड़क हादसे में घायल और जान गंवाने वाले वन अधिकारियों के हादसे का एक वीडियो भी सामने आ गया है। इससे पता चल रहा है कि हादसा वाहन के अनियंत्रित होने के कारण हुआ था। यह अनियंत्रित होकर पेड़ पर टकराया था। जिसके बाद टायर फटा और हादसा हो गया। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

इससे पहले बुधवार को सड़क हादसे में जान गंवाने वाले अधिकारियों का हादसे से पहले का एक वीडियो सोशल मीडिया आया था। इसमें ट्रायल वाहन में अधिकारी और कर्मचारी बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं। हंसी-खुशी के साथ सभी वन अधिकारी इंटरसेप्टर वाहन का आनंद लेते नजर आ रहे हैं। ड्राइवर के बगल में एक वन कर्मचारी बैठा हुआ दिखाई दे रहा है। जबकि बीच वाली सीट पर तीन वन अधिकारी और कर्मचारी बैठे हुए हैं। इनमें से कोने पर बैठा हुआ एक वन कर्मचारी मोबाइल के फ्रंट कैमरे से सभी की वीडियो बना रहा है। पीछे वाली सीट पर वार्डन अलोकी समेत दो वन अधिकारी बैठे दिख रहे हैं और तीन वन कर्मचारी वाहन में पीछे खड़े हैं। वीडियो में इंटरसेप्टर वाहन की सवारी को लेकर वन अधिकारियों और कर्मचारियों में काफी उत्साह था। लेकिन यह उत्साह कुछ ही देर बाद सड़क हादसे की वजह से मातम में बदल गया।

कंपनी और चालक पर मुकदमा दर्ज

चीला हादसे में राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क प्रशासन ने ट्रायल वाहन उपलब्ध कराने वाली कंपनी और चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। शिकायत में कंपनी पर तकनीकी खराबी और लापरवाही का आरोप लगाया गया है। लक्ष्मणझूला पुलिस के मुताबिक पार्क की गौहरी रेंज के वन क्षेत्राधिकारी राजेंद्र जोशी की तहरीर पर आईपीसी की धारा 279, 338 और 304ए के तहत कार्रवाई की गई है। मामले में अक्शा और प्रवेग कंपनी के प्रबंधक और प्रतिनिधि को आरोप बनाया गया है

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