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पाकिस्तान की कंगाली का असर, वाघा बॉर्डर से गायब हुई गरीब अवाम, अकेले ही झंडा फहरा रहे रेंजर्स

इस्लामाबाद: पाकिस्ताान की कंगाली का असर अब वाघा बार्डर पर भी दिखने लगा है। वाघा-अटारी बार्डर पर भारत के बीएसएफ की देखा देखी पाकिस्तानी रेंजर्स ने भी परेड की शुरुआत की थी। लेकिन, अब पाकिस्तानी अवाम की कम मौजूदगी से रेंजर्स के हौसले टूटने लगे हैं। पाकिस्तानी नागरिक देश में बढ़ती महंगाई और सुरक्षा चिंताओं से डरे हुए हैं। ऐसे में उनकी रुचि पाकिस्तानी सेना के शौर्य प्रदर्शन में कम और पैसे कमाने में ज्यादा है। कोरोना वायरस महामारी के कारण पूरी दुनिया में ठहराव देखा गया, लेकिन जब दुनिया सामान्य स्थिति में लौट आई, तब भी वाघा बार्डर पर वह उत्साह नहीं दिखी।


महंगाई और सुरक्षा के कारण नहीं आ रहे पाकिस्तानी

पाकिस्तानी विश्लेषकों का मानना है कि इसके पीछे देश में बढ़ती महंगाई मुख्य कारण है। वे यह भी मानते हैं कि युवा पीढ़ी अब आक्रामक परेड में रुचि नहीं रखती है। वाघा-अटारी बॉर्डर भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित हैं। पाकिस्तान की तरफ वाघा और भारत की तरफ वाले इलाके को अटारी के नाम से जाना जाता है। यह बॉर्डर भारत और पाकिस्तान के दो प्रमुख शहरों को भी जोड़ता है। इसी सीमा पर रोजाना फ्लैग होस्टिंग सेरेमनी का आयोजन किया जाता है। इसमें पाकिस्तान की तरफ से रेंजर्स और भारत की तरफ से बीएसएफ के जवान हिस्सा लेते हैं।


पाकिस्तान ने बनाया है 10000 लोगों के बैठने वाला पेवेलियन

इस सेरेमनी को देखने के लिए दोनों देशों ने सीमा से सटे हुए इलाके में भव्य पेवेलियन का भी निर्माण किया है। हर दिन दोनों ही देशों के हजारों लोग इस फ्लैग होस्टिंग सेरेमनी को देखते आते हैं। पाकिस्तान के बनाए स्टेडियम में 10000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है। हालांकि, हाल के दिनों में सिर्फ 1500 से 2000 लोग ही पहुंच रहे हैं। सिर्फ रविवार को ही इनकी संख्या 3000 के करीब पहुंचती है। कामकाजी दिनों में दर्शकों की कम संख्या का असर पाकिस्तानी रेंजर्स के मनोबल पर पड़ रहा है। भारतीय दर्शकों के प्रचंड शोर के सामने पाकिस्तानी दर्शकों की आवाज दब जाती है।

भारत की तरफ अटारी में उमड़ रही भीड़

भारत की तरफ बने स्टेडियम में 25000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है। भारत की तरफ अटारी में हर दिन हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं और बीएसएफ का हौसला बढ़ाते हैं। पाकिस्तानी दर्शकों का भी मानना है कि खाली स्टेडियम से उनके उत्साह पर असर पड़ता है। आसपास मौजूद दुकानदारों ने भी पाकिस्तानी अवाम की कम होती संख्या पर दुख जताया। उन्होंने बताया कि लोगों के कम आने से उनकी बिक्री आधी हो गई है और कमाई कम हो रही है।

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