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हर पांच साल में ऐसी गर्मी पड़ेगी कि त्राहिमाम कर उठेंगे, मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी पढ़‍िए

Heat Waves In India: अप्रैल 2023 में भारत के कई हिस्से लू से जूझते रहे। कुछ स्थानों पर गर्मी ने रेकॉर्ड तोड़ दिया। ताजा रिसर्च के अनुसार, ऐसी भयंकर गर्मी हर पांच साल में लौटकर आ सकती है। मौसम वैज्ञानिकों ने इसके लिए इंसानों को जिम्मेदार ठहराया है। इंसानों की वजह से जलवायु में जो बदलाव आया, उससे ऐसे एक्‍सट्रीम वेदर इवेंट की संभावना 30 गुना बढ़ गई है। यह एनालिसिस किया है क्लाइमेट साइंटिस्‍ट्स की एक ग्लोबल टीम का। वर्ल्ड वेदर एट्रीब्यूशन (WWA) इनिशिएटिव के तहत चार देशों- भारत, बांग्लादेश, थाईलैंड और लाओ के मौसम पर फोकस किया गया। इन चारों देशों में पिछले महीने रेकार्ड तापमान दर्ज हुए और कई लोगों की मौत हुई। वहीं, वर्ल्ड मीटरोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (WMO) ने बुधवार को कहा कि अगले पांच सालों के दौरान दुनियाभर के तापमान में इजाफा होगा। यानी 2023-2027 के बीच के पांच साल दुनिया में अब तक के सबसे गर्म 5 साल साबित होने वाले हैं। WMO के अनुसार, इन्हीं में से किसी एक साल में सबसे ज्यादा गर्मी का रेकॉर्ड भी टूट जाएगा।

2023 से 2027 के बीच खूब गर्मी पड़ेगी: WMO

WMO के अनुसार, दुनियाभर का तापमान ग्रीनहाउस गैसों (GHGs) के चलते बढ़ेगा। इसके अलावा अल नीनो भी गर्मी बढ़ाने में अहम योगदान देगा। आमतौर पर अल नीनो अपने डिवेलपमेंट के अगले साल में ग्‍लोबली गर्मी पैदा करता है। अगर ऐसा होता है तो 2024 में अल नीनो गर्मी बरपा सकता है।

WMO ने कहा कि 2023 से 2027 के बीच एक या ज्‍यादा सालों में औसत तापमान के ‘कुछ समय के लिए’ प्री-इंडस्ट्रियल स्‍तर से 1.5 डिग्री सेल्यियस ज्‍यादा हो जाने की 66% संभावना है।

ग्रीनहाउस गैसों पर रोक नहीं लगी तो…

WWA इनिशिएटिव के तहत वैज्ञानिकों ने अप्रैल में लगातार चार दिन तक एवरेज मैक्सिमम और मिनिमम हीट इंडेक्‍स का एनालिसिस किया। WWA का हीट इंडेक्‍स इंसानी शरीर पर गर्मी के प्रभाव को बेहतर ढंग से मापता है। रिसर्चर्स ने पाया कि जलवायु परिवर्तन की वजह से इन चार देशों में गर्मी 2 डिग्री ज्यादा बढ़ी। रिपोर्ट के अनुसार, जब तक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन पर रोक नहीं लगती, ग्लोबल टेम्‍प्रेचर बढ़ता रहेगा।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत और बांग्लादेश में पहले सदी में एक बार कहीं लू की घटनाएं होती थीं। अब हर पांच साल पर ऐसे वेदर इवेंट्स की आशंका है। अगर तापमान में इजाफा 2 डिग्री सेल्सियस बढ़ता है तो ऐसा करीब 30 साल में होने लगेगा। अगर GHGs के उत्‍सर्जन पर तेजी से रोक नहीं लगी तो ऐसे इवेंट्स हर दो साल पर होंगे।

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